चंडीगढ़ की चितकारा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट प्रनव गोयल ने आलू में मौजूद स्टॉर्च से प्लास्टिक जैसी एक नई चीज बनाई है. यह प्लास्टिक की तरह बिल्कुल पारदर्शी है. यह दिखने और छूने बिल्कुल प्लास्टिक जैसा ही है. इसे आसानी से मोल्ड भी किया जा सकता है. दरअसल प्रनव ने आलू में पाए जाने वाले स्टॉर्च से एक प्रकार की थर्मोप्लास्टिक को बनाया है, जो अभी उपयोग की जा रही प्लास्टिक से बहुत ज्यादा मिलता-जुलता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रनव का कहना है कि इससे हम बोतल, कैरीबैग जैसी किसी भी प्लास्टिक की चीज बना सकते हैं. मैंने जो प्रोडक्ट बनाया है उससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. ये पर्यावरण में पूरी तरह से 100 प्रतिशत तक डिग्रेडेबल है. अगर प्लास्टिक की जगह मार्केट में हमारा प्रोडक्ट प्रयोग किया जाता है तो पर्यावरण को हो रहे बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है.

आपको बता दें कि भारत में आलू का उत्पादन काफी बड़ी मात्रा में होता है और सही से रखरखाव ना होने की वजह से खराब भी हो जाता है. डिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाने में इस वेस्ट हो जाने वाले आलू के स्टॉर्च का प्रयोग किया जाएगा. जिससे आलू से बनी प्लास्टिक काफी सस्ती भी होगी. प्रनव की टीम की सदस्य सलोनी ने जी मीडिया को बताया कि हमारे प्रोडक्ट पॉलीएथलीन और पॉलीप्रोपलीन की प्रापर्टीज के जैसा ही है. हमने जो बनाया है वो थर्मोप्लास्टिक है. आलू में स्टॉर्च 18 प्रतिशत तक पाया जाता है.

 

देखें Zee Business LIVE TV

चित्कारा यूनिवर्सटी में सेंटर फॉर आंत्रेप्रन्योर एजुकेशन एंड डेवलपमेंट मेंटॉर आभा शर्मा का कहना है कि हमारा ये फोकस रहता है कि यंग स्टूडेंट्स को हम स्टार्टअप के लिए प्लेटफॉर्म दे पाएं. हम इस प्रोडक्ट को जनवरी 2020 तक मार्केट में सप्लाई करना शुरू कर देंगे. हमें प्रोडक्ट की सप्लाई के लिए अभी से बहुत से ऑर्डर मिल चुके हैं. हम पहले खाने-पीने का बिजनेस करने वाली इंडस्ट्री की तरफ फोकस करेंगे जो सबसे बड़ा हब है. डिग्रेडेबल पॉलीथीन से खाना को रैप किया जा सकता है. इसके अलावा दोने और प्लेट्स में भी उपयोग होगा. बाद में हम दूसरे बिजनेज मॉडल्स में भी इसे सप्लाई करेंगे. मार्केट में एकदम से प्लास्टिक को बैन करना मुमकिन नहीं है. इससे मार्केट में बहुत सारे लोगों को जॉब भी मिलेगी.

(रिपोर्ट- ललित शर्मा/ चंडीगढ़)