नए साल से Google Maps में होने जा रहे हैं बड़े बदलाव, ये सर्विसेज फ्री में मिलेंगीं
Google Maps को लेकर गूगल बड़ी तैयारी कर रहा है. गूगल ने भारतीय डेवलपर्स को अपने मैप्स प्लेटफॉर्म से अधिक सुविधाएं प्रदान करने की घोषणा की है. ये सेवाएं 1 मार्च 2025 से मिलेगी.
Google Maps को लेकर गूगल बड़ी तैयारी कर रहा है. गूगल ने भारतीय डेवलपर्स को अपने मैप्स प्लेटफॉर्म से अधिक सुविधाएं प्रदान करने की घोषणा की है. अब भारतीय डेवलपर्स रूट्स, प्लेस और एनवायरनमेंट एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (SDK) वगैरह का इस्तेमाल फ्री में कर पाएंगे. ये सर्विस 1 मार्च 2025 से मिलेगी. 1 मार्च से डेवलपर्स को मासिक सीमा तक मैप्स, रूट्स, स्थान और एनवायरमेंट प्रोडक्ट्स की सेवाएं मुफ्त में मिलेगी. इससे वो बिना किसी अग्रिम लागत के पास के स्थान और डायनामिक स्ट्रीट व्यू जैसे तमाम प्रोडक्ट्स को आसानी से इकट्ठा कर पाएंगे.
6,800 डॉलर तक की वैल्यू की मुफ्त सेवाओं का इस्तेमाल
गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म के प्रोडक्ट मैनेजमेंट के वरिष्ठ निदेशक टीना वेयंड ने कहा, भारत में इसका मतलब यह है कि आज हम जो 200 डॉलर का मासिक क्रेडिट प्रदान करते हैं, उसके स्थान पर डेवलपर्स जल्द ही हर महीने 6,800 डॉलर तक की वैल्यू की मुफ्त सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे. इससे डेवलपर्स को बेहतर समाधान बनाने और बिना किसी लागत के गूगल एपीआई और एसडीके के साथ प्रयोग करने की सुविधा मिलेगी. डेवलपर्स को केवल तभी भुगतान करना होगा जब वे फ्री उपयोग की सीमा पार कर लेंगे.
डिलीवरी से लेकर ट्रैवल ऐप बनाने में होता है गूगल मैप्स का इस्तेमाल
बता दें कि गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म का भारत में इस्तेमाल डिलीवरी से लेकर ट्रैवल ऐप बनाने में किया जाता है. टीना वेयंड ने कहा, भारत में हमारी कवरेज 70 लाख किलोमीटर से ज्यादा की सड़कों, 30 करोड़ इमारतों और 3.5 करोड़ व्यवसायों और स्थानों तक फैली हुई है. टेक दिग्गज की ओर से कहा गया कि गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म ने हाल ही में भारत में विशिष्ट मूल्य निर्धारण की शुरुआत की है. इसमें अधिकांश एपीआई पर 70 प्रतिशत तक कम मूल्य निर्धारण और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ सहयोग शामिल है, जो डेवलपर्स को चुनिंदा गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म एपीआई पर 90 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करता है. कंपनी ने कहा कि इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कई डेवलपर्स के बिलों में आधे से भी अधिक की कमी आई है और छोटे डेवलपर्स के बिलों में तो और भी बड़ी कमी आई है.