गूगल मैप के जरिए धोखाधड़ी करने वाले लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं. महाराष्‍ट्र में ऐसे 3 मामले पकड़ में आए हैं. महाराष्‍ट्र साइबर सेल के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले गूगल नैविगेशन एप का इस्‍तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं. वे वहां अपना फर्जी नंबर डाल देते हैं और कोई ग्राहक जब उन नंबरों पर कॉल करता है तो वे उसकी जरूरी जानकारी वेरिफिकेशन के नाम पर मांग कर उन्‍हें ठग रहे हैं.

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ऐसे हो रही ठगी

गूगल मैप लोगों को अपना कंटेंट डालने या एडिट करने की छूट देता है. इसके जरिए छोटे व्‍यापारी या रेस्‍त्रां वाले अपनी लोकेशन को मैप पर मार्क करते हैं. इसमें वे अपना नाम, पता, फोटो और अन्‍य ब्‍योरा डाल देते हैं. इसके लिए कोई एक्टिव वेरिफिकेशन नहीं है. जब कोई यूजर गूगल से शिकायत करता है तभी वह एक्‍शन लेता है.

ठाणे में सक्रिय है गैंग

स्‍थानीय पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले ठाणे में सक्रिय हैं. वे गूगल मैप पर खुद को बैंक की फर्जी शाखा के रूप में मार्क कर रहे हैं और फोन नंबर एडिट कर अपना नंबर डाल देते हैं. द हिन्‍दू की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को ऐसी 3 शिकायतें मिली हैं. तीनों शिकायतों में गूगल से संपर्क किया गया है. पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले 3 माह से ऐसा कर रहे हैं.

क्‍या है खतरा

जब ग्राहक ने गूगल मैप पर रेस्‍त्रां, सरकारी दफ्तर या किसी बैंक शाखा का नंबर लेकर कॉल किया तो धोखाधड़ी करने वालों ने वेरिफिकेशन के नाम पर ग्राहकों से उनका डिटेल मांग लिया. खासकर उनकी बैंक डिटेल, जिसमें कार्ड नंबर, खाता संख्‍या और तो और PIN व CVV नंबर तक मांग लिया था. इसके बाद उन ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुई.

ऐसे बचें इस धोखाधड़ी से

पुलिस का कहना है कि यह गूगल की गलती नहीं है लेकिन यूजर इससे कुछ उपाय करके बच सकते हैं. जानकारों का कहना है कि आधिकारिक नंबर लेने के लिए गूगल मैप की मदद न लें. चाहे वह बैंक का कांटेक्‍ट नंबर हो या पासपोर्ट दफ्तर का नंबर. बैंक की आधिकारिक साइट पर जाकर कांटेक्‍ट नंबर लें. साथ ही बैंक कभी भी आपका PIN या CVV नंबर नहीं मांगता. अगर बैंक कर्मी आपका वेरिफिकेशन करना चाहते हैं तो आपके रजिस्‍टर्ड मोबाइल नंबर मांगेंगे.