Apple iPhone: स्मार्टफोन कंपनी एप्पल को अपने आईफोन और दूसरे डिवाइस में दिए गए वर्चुअल असिस्टेंट 'सिरी' के जरिए लोगों की बातें सुनना भारी पड़ गया है. आरोपों के मुताबिक एप्पल ने 10 साल से भी ज्यादा समय से आईफोन और सिरी वाले अन्य डिवाइसों के जरिए चोरी-छुपे लोगों की बातचीत रिकॉर्ड की थी. अब कंपनी इस मुकदमे को निपटाने के लिए 95 मिलियन डॉलर (करीब 814 करोड़ रुपये) देने को तैयार हो गई है. अमेरिका के कैलिफोर्निया के ऑकलैंड शहर में ये मामला दाखिल किया गया है.  

Apple iPhone: हर व्यक्ति को मिलेंगे 20 डॉलर, ये लोग कर सकेंगे दावा

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एप्पल का यह समझौता यदि मंजूर हो जाता है, तो 17 सितंबर 2014 से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक आईफोन और दूसरे एप्पल डिवाइस इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोग हर्जाने का दावा कर सकेंगे. हर व्यक्ति को समझौते के दायरे में आने वाले हर सिरी वाले डिवाइस के लिए 20 डॉलर (करीब 1715.44 रुपये) तक मिल सकते हैं. हालांकि, दावों की संख्या के आधार पर यह रकम कम या ज्यादा हो सकती है. अदालत के दस्तावेजों में अनुमान लगाया गया है कि योग्य लोगों में से केवल 3 से 5 प्रतिशत लोग ही दावा करेंगे. भारतीय यूजर्स को ये मुआवजा मिलेगा या नहीं, इसे लेकर कोई अपडेट नहीं आया है. 

Apple iPhone: कब होती थी सिरी की रिकॉर्डिंग, एप्पल ने गलती मानने से किया इंकार

अमेरिकी कोर्ट में दायर मुकदमे में यह भी कहा गया था कि एप्पल के सिरी रिकॉर्डिंग तब भी होती थी जब लोगों ने "हे, सिरी" कहकर वर्चुअल असिस्टेंट को चालू भी नहीं किया था. फिर इन रिकॉर्डिंग में से कुछ बातचीत विज्ञापन देने वालों को दी जाती थी ताकि वे उन लोगों को अपने सामान बेच सकें जिनके उन सामानों में दिलचस्पी होने की संभावना ज्यादा होती थी. हालांकि, इस समझौते में एप्पल ने कोई भी गलती मानने से इनकार किया है. 

Apple iPhone: एप्पल के मुनाफे का सबसे छोटा हिस्सा

एप्पल के इस समझौते को अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जेफरी व्हाइट से मंजूरी मिलनी बाकी है. इस मामले से जुड़े वकीलों ने 14 फरवरी को ऑकलैंड में अदालत की सुनवाई का प्रस्ताव रखा है जिसमें समझौते की शर्तों पर विचार किया जाएगा. यह समझौता सितंबर 2014 से अब तक एप्पल के कमाए 705 अरब डॉलर (करीब 58 लाख करोड़ रुपये) के मुनाफे का एक छोटा सा हिस्सा है. यह रकम उन वकीलों के अनुमान से भी कम है जिन्होंने कहा था कि अगर एप्पल पर जासूसी और गोपनीयता के नियमों को तोड़ने का आरोप साबित हो जाता तो उसे 1.5 अरब डॉलर (करीब 12 हजार करोड़ रुपये) तक देने पड़ सकते थे.

अदलातों के दस्तावेजों के मुताबिक मुकदमा दायर करने वाले वकील समझौते की रकम से 29.6 मिलियन डॉलर (करीब 246 करोड़ रुपये) तक अपनी फीस और अन्य खर्चों के लिए मांग सकते हैं.