भारत सरकार ने एप्पल से इस साल जनवरी से जून के बीच 27 डिवाइसों और 18 खातों के बारे में जानकारी मांगी, जिसे कंपनी ने मुहैया कराया. ये जानकारियां आईट्यून्स गिफ्ट कार्ड घोटाले की जांच के दौरान मांगी थी. एप्पल ने सोमवार देर रात अपनी द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत के द्वारा विभिन्न कानूनी तरीकों से जानकारियों के लिए अनुरोध किए गए, जिसमें सबपोनस, अदालती आदेश, वारंट या अन्य वैध कानूनी दस्तावेज शामिल थे. इनमें 34 वित्तीय पहचान और तीन आपातकालीन अनुरोध भी शामिल हैं.

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डिवाइस के अनुरोध के मामले

डिवाइस के अनुरोध के मामलों में एप्पल ने भारत सरकार को 63 फीसदी मामलों में जानकारियां मुहैया कराई और 85 फीसदी मामले वित्तीय पहचान से जुड़े थे. एप्पल ने कहा, "मुख्य रूप से आईट्यून्स गिफ्ट धोखाधड़ी की मामले की जांच के कारण बड़ी संख्या में वित्तीय पहचान के अनुरोध आए." खातों की जानकारी मुहैया कराने के मामले में एप्पल ने 78 फीसदी मामलों की जानकारी भारत सरकार को सौंपी.

 

80 फीसदी मांग पूरी की गई

पिछले साल की जुलाई-सितंबर की अवधि में एप्पल ने भारत सरकार के 27 अनुरोधों में से 14 को (52 फीसदी) पूरा किया था. दुनिया भर में फेसबुक और ट्विटर समेत कई प्रौद्योगिकी दिग्गज द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करते हैं, जिसे देखते हुए एप्पल ने भी एक नया पारदर्शिता रिपोर्ट पेश किया है. दुनिया भर में एप्पल से विभिन्न सरकारों से कुल 32,342 मामलों में 1,63,823 डिवाइसों के डेटा की मांग की, जिसमें से 80 फीसदी मांग पूरी की गई.

(इनपुट एजेंसी से)