Airtel और Tata Teleservices के विलय पर तलवार लटक गई है. दोनों कंपनियों के वियल का मामला कोर्ट पहुंच गया है. दूरसंचार विभाग (telecom department) ने सभी सर्किल के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वह भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और टाटा टेलीसर्विसेस (Tata Teleservices) को अलग-अलग इकाई मानकर काम करे, क्योंकि वह दोनों कंपनियों के विलय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रही है. दोनों कंपनियों के ग्राहक जोड़ने के काम और सभी संबंधित नियमों अनुपालन के मामले में दोनों को अलग-अलग मानकर चलें.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

telecom department ने सभी दूरसंचार सर्किल प्रमुखों को लिखा है कि उसने अब बंद हो चुकी टाटा टेलीसर्विसेस के भारती एयरटेल एवं भारती हेक्साकॉम के साथ विलय को अभी तक मंजूरी नहीं दी है.

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने एक जुलाई को घोषणा की थी कि टाटा टेलीसर्विसेस (Tata Teleservices) अब उसका अंग हो चुकी है. सूत्रों ने कहा कि विभाग ने अपने संबंधित अधिकारियों को लिखा है कि वह (विलय के) इस मामले में न्यायालय में दो अलग-अलग विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल करने की तैयारी में है. दोनों कंपनियों के ग्राहक जोड़ने के कार्यका अलग-अलग ऑडिट करें और उपयोक्ता से जुड़े नियमों के अनुपालन के मुद्दों को भी अलग-अलग देखें.