5G vs 4G: केंद्र सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) की नीलामी(Auction) को हरी झंडी दे दी है. इसकी आज से यानी की 26 जुलाई से नीलामी शुरू हो गई है. देश के अलग-अलग हिस्सों में 5जी सेवा का ट्रायल हो रहा है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर 20 साल के लिए लीज मिलेगी. इनमें रिलायंस, Bharti Airtel, वोडाफोन आइडिया और अडानी डाटा नेटवर्क शामिल है. इसके लिए कुल 72 गीगाहर्ट्ज (GHz) 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उपलब्ध रहेंगे. ऐसी संभावना है कि इस साल अक्टूबर के महीने में देश में 5जी की सर्विस शुरू हो सकती है. लेकिन 5G के आने के बाद आपका इंटरनेट कितना तेज हो जाएगा, डाउनलोड-अपलोड स्पीड पर कितना फर्क पड़ेगा. यहां जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें. 

आज यूजर्स को कब मिलेंगी 5जी सेवाएं

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5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) की नीलामी में कंपनियों ने 21800 करोड़ रुपए की अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट कर दी है. इस दौरान कुल 72 GHz स्पेक्ट्रम की ही नीलामी होगी. 5G सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है, जिसकी अंतर्गत इंटरनेट स्पीड सबसे तेज होगी. इसके आने के बाद यूजर्स को स्लो-इंटरनेट स्पीड का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसमें पहले से ज्यादा नेटवर्क को संभालने की क्षमता होगी. खास बात ये है कि ये Lowest Band से लेकर Highest Band तक की वेव्स में काम करेगा. इसका मतलब ये कि इसका नेटवर्क ज्यादा वाइडर और हाई-स्पीड होगा.

5G के आने से क्या फर्क पड़ेगा? 

5G के आने के बाद 4जी का इस्तेमाल कर रहे लोगों को सहूलियत मिलेगी. जैसे की 5जी में Internet Download Speed 150 मेगाबाइट्स प्रति सैकेंड तक सीमित है. 5G में आपको ये 10GB प्रति सैंकेड तक दी जा सकती हैं. इससे यूजर्स हैवी फाइल्स डाउनलोड कर सकेंगे, अपलोडिंग स्पीड भी इसमें 1GB प्रति सेकंड तक होगी. इसके मुकाबले 4G नेटवर्क में सिर्फ 50MBPS तक ही है. साथ ही 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क का दायरा ज्यादा होने की वजह से यह बिना स्पीड कम हुए भी कई और डिवाइसेज के साथ जुड़ सकेगा.

डेटा प्लान महंगे होने की है संभावना?

देश में कई सारी टेलीकॉम कंपनियां हैं, जो यूजर्स को बेस्ट नेटवर्क देने की कोशिश करती है. कई यूजर्स अपने नेटवर्क और बजट के हिसाब से इंटरनेट प्लांस चुनते हैं. 5G के आने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि 5G इंटरनेट के लिए यूजर्स को कितनी कीमत देनी होगी. क्योंकि फिलहाल देश में स्पेक्ट्रम की नीलामी चल रही है, जहां कई सारी टेलीकॉम कंपनियों इस ऑक्शन में शामिल हैं. लेकिन ऐसी संभावना है कि नई टेक्नोलॉजी में हुए खर्च के चलते 5G सर्विस की कीमतें 4G से ज्यादा रहने का अनुमान है.

इन देशों में 5G सेवाएं इतनी लेती हैं कीमत

बता दें कई देशों में 5G सेवाएं पहले से ही उपलब्ध है. वहां पर अगर 4G और 5G की कीमतों कोई अंतर देखें, तो अमेरिका में 4G अनलिमिटेड सर्विसेस को लेने के लिए करीब 5 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते थे, वहीं 5G में उसके मुकाबले 89 डॉलर (करीब 6500 रुपये) देने पड़ते हैं. अलग-अलग प्लान्स के तहत ये फर्क अलग-अलग होता है. 4G के मुकाबले 5G प्लान 10 से 30% तक महंगे हैं.

कब से शुरू होगी 5G सर्विसेस?  

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल अक्टूबर के महीने में देश में 5जी की सर्विस शुरू हो सकती है. टेस्टिंग के लिए 12 शहरों में 5G सेवाएं सितंबर से ही शुरू हो जाएंगी. हालांकि, पूरे भारत में इसके पहुंचने में 2023 की पहली तिमाही तक का समय लग सकता है.

इन फ्रीक्वेंसी बैंड में होगी नीलामी 

बता दें कि इस दौरान 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 3300 MHz (मिड), 26 GHz (हाई) फ्रीक्वेंसी बैंड में नीलामी होगी. इसके अलावा कंपनियों को 20 बराबर EMIs में स्पेक्ट्रम की कीमतों को चुकाने की सुविधा दी जाएगी. वहीं प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई है.