Penalty on upfront Margin: ज़ी बिजनेस की खबर पर मुहर लगी है.  देश के सबसे बड़े एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने  अपफ्रंट मार्जिन पर ब्रोकर्स को चेतावनी दी है. एनएसई ने ब्रोकर्स से अपफ्रंट मार्जिन शॉर्ट कलेक्शन पर ली गई पेनाल्टी लौटाने को कहा है. अब इसी मामले पर NSE ने बकायदा सर्कुलर जारी कर ब्रोकर्स को चेतावनी दी है. आपको बता दें कि इस बारे में ज़ी बिजनेस ने 20 जुलाई 2022 को सबसे पहले बताया था. NSE के इस फैसले से F&O के सौदे ज्यादा कराने वाले ब्रोकर्स की चिंता बढ़ेगी.

नए क्लाइंट से भी नहीं लें पेनाल्टी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनएसई ने पहले ब्रोकर्स को मेल भेजकर जुटाई गई पेनाल्टी लौटाने को कहा था. अब एक्सचेंज ने बकायदा इस पर सर्कुलर जारी कर दिया है. उसने का कहा, ब्रोकर्स को ये पेनाल्टी तुरंत रिफंड करना चाहिए. साथ ही, नए क्लाइंट से भी किसी और किसी भी तरह की पेनाल्टी नहीं लें. एनएसई ने कहा, 11 अक्टूबर 2021 से ली पेनाल्टी क्लाइंट को तुरंत लौटाएं.

 

कितनी लगती थी पेनाल्टी

1 लाख तक मार्जिन के इश्यू पर करीब 0.5 फीसदी पेनाल्टी लगती थी. 1 लाख के ऊपर मार्जिन पर 1 फीसदी पेनाल्टी लगती थी. इसके बाद, कितने दिन तक डिफॉल्ट रहते हैं, उसके हिसाब से 5 फीसदी तक जुर्माना लगता था. अगर महीने में पांच डिफॉल्ट होता है तो लगातार डिफॉल्ट पर 5 फीसदी पेनाल्टी लगती था. ये पेनाल्टी वापस करने के लिए एक्सचेंज ने बकायदा सर्कुलर जारी किया है.

F&O के सौदे ज्यादा कराने वाले ब्रोकर्स पर बोझ होगा

एक्सचेंज के इस सर्कुलर का असर F&O के सौदे ज्यादा कराने वाले पर होगा. कई ब्रोकर के खिलाफ अब भी पेनाल्टी वसूलने की शिकायत मिली है. अपफ्रंट मार्जिन में शॉर्टफॉल पर क्लाइंट पर बोझ गलत है.