मार्केट माफिया के पहले पार्ट में आपको फर्जी कंपनियों की जानकारी मिली थी. साथ ही यह दिखाया गया था कि कैसे फर्जी कंपनियों के एजेंट सेल्समैन की तरह सर्विस बेचकर लोगों को ठगते हैं. लेकिन, आज आप जानेंगे कि ये कंपनियां भोलेभाले निवेशकों को ठगने के लिए किस हद तक जा सकती हैं. मार्केट माफिया पार्ट-2 में आप देखेंगे कि किस तरह आपको बहला फुसलाकर अकाउंट पर सेंध लगाते हैं. लेकिन, ज़ी बिज़नेस का सबसे बड़े स्टिंग ऑपरेशन में इन सबका खुलासा हुआ है. आपके पैसे की हिफाजत के लिए ज़ी बिज़नेस ने इन्हें बेनकाब कर दिया है. क्योंकि, इनका इमोशनल अत्याचार अब और नहीं चलेगा.

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इस बार इंदौर की ही एक फर्जी एडवाइजरी कंपनी ट्रेड निवेश का एजेंट अपने निवेशक (ज़ी बिज़नेस के रिपोर्टर) को समझाता है कि कैसे दूसरे लोग गलत काम करके लोगों को ठग रहे हैं. वहीं, सिर्फ ट्रेड निवेश आपके पैसा का ख्याल रखते हुए मार्केट से आपको पैसा कमाकर देती है. ट्रेड निवेश के इस एजेंट की बात सुनकर आपको अंदाजा लगेगा कि कैसे ठगने के लिए लाखों के मुनाफे का लालच दिया जाता है. ट्रेड निवेश के इस एजेंट ने 20 हजार रुपए के इन्वेस्टमेंट पर सिर्फ 3 महीने में 4 लाख वापस देने का वादा कर डाला. लेकिन, इसकी एवज में वो खुले तौर पर निवेशक से 25 हजार रुपए के सर्विस चार्ज की मांग करता है.

SEBI का भी नहीं है खौफ

दरअसल, आपने यह तो समझ लिया कि ये कंपनियां किस तरह फर्जीवाड़ा करती हैं. साथ ही पैसे लूटने के लिए किस हद जा सकती है. लेकिन, आप ये नहीं जानते कि इन्हें किसी का भी खौफ नहीं हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इनकी शिकायत मार्केट रेगुलेटर SEBI की जाए तो इनका फर्जीवाड़ा रुक जाएगा. लेकिन, इन्हें सेबी का भी खौफ नहीं. ट्रेड निवेश के इस एजेंट का कहना है कि सेबी के पास कोई जाएगा भी तो क्या शिकायत करेगा. सेबी के पास आप जाओगे भी तो भी सेबी आपकी सुनेगा ही नहीं. 

इन एडवाइजरी कंपनियों को किसी का डर नहीं. इसलिए इंदौर में इनका गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है. दरअसल, ज़ी बिज़नेस को कई पीड़ित ऐसे भी मिले, जिन्होंने अपना लाखों रुपए इन कंपनियों में फंसा दिए और ये कंपनियां पैसा लेकर उड़न छू हो गईं. यही नहीं पीड़ित ने जब सेबी में इसकी शिकायत की तो वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद पुलिस ने भी पीड़ित की कम्प्लेंट पर कोई एक्शन लेने से साफ इनकार कर दिया. लेकिन, इन पीड़ितों की मदद के लिए ज़ी बिज़नेस आगे आया.

अभी तक आपने स्टिंग ऑपरेशन में सिर्फ फोन रिकॉर्डिंग सुनी, लेकिन अब ज़ी बिज़नेस ने एक कदम आगे चलकर इन लोगों को बेनकाब करने की ठान ली. ज़ी बिज़नेस की टीम इन धोखेबाजों का चेहरा भी दिखाने की ठान ली. ज़ी बिज़नेस की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम इंदौर पहुंची. सबसे पहले रिसर्च पैनल के ऑफिस पहुंचे. मौहाल पूरी तरह अलग था. पहले 4-5 मिनट तक रिसर्च पैनल ने ज़ी बिज़नेस के रिपोर्टर की ऐसी पड़ताल की कि जैसे कोई सीबीआई ऑफिस हो. लेकिन, इसके बाद पहुंचे रिसर्च टीम के पास.

प्रीमियम सर्विस का ऑफर

रिसर्च पैनल की टीम के अंकित का दावा है कि अगर शेयर बाजार से आपको छप्परवाड़ मुनाफा चाहिए तो उनकी प्रीमियम सर्विस का इस्तेमाल करना होगा. प्रीमियम सर्विस का मतलब लाखों की फीस. जितनी बड़ी फीस उतना बड़ा मुनाफा. वहीं, टीम की एक और सदस्य समीक्षा ने अपनी सर्विस की तारीफ करने से नहीं चूकी. उन्होंने इतना तक दावा कर दिया कि उनके पास इंटरनेशनल क्लाइंट्स हैं. वहीं, ज़ी बिज़नेस का रिपोर्टर, जो निवेशक बनकर उनके बीच है, कहीं हाथ से न निकल जाए और भी कई बड़े दावे किए गए. 

स्टिंग ऑपरेशन का पार्ट-3 देखना न भूलें क्योंकि, अभी और खुलासे होने बाकी हैं. पार्ट-3 को ज़ी बिज़नेस पर सुबह 10.26 बजे देखा जा सकेगा. इसलिए जरूरी है कि आप पूरे स्टिंग ऑपरेशन को सिलसिलेवार तरीके से देखिए. पहला पार्ट कल प्रसारित किया गया था. दूसरा आज और तीसरा पार्ट (गुरुवार) को देख सकते हैं.