Yes Bank में हिस्सा खरीद सकता है SBI, 1 हफ्ते में हो सकती है डील: सूत्र
SBI के हिस्सा खरीदने की खबर से यस बैंक के शेयर में (Yes Bank stock price) 26 फीसदी का उछाल आया है. हालांकि, इस खबर के बाद SBI के शेयर में 5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है.
नकदी की किल्लत से जूझ रहे यस बैंक (Yes Bank) में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) हिस्सा खरीद सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यस बैंक में SBI कंसोर्शियम 24000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकता है. सूत्रों की मानें तो एक हफ्ते में डील का ऐलान हो सकता है. उम्मीद की जा रही है कि यस बैंक में हिस्सा खरीदने के लिए SBI के प्लान को मंजूरी दी जाती है. SBI के हिस्सा खरीदने की खबर से यस बैंक के शेयर में (Yes Bank stock price) 26 फीसदी का उछाल आया है. हालांकि, इस खबर के बाद SBI के शेयर में 5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है.
क्या है मामला
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने वाले कंसोर्शियम को एसबीआई लीड करेगा. SBI को कंसोर्शियम में दूसरे मेंबर्स का भी चयन होना है. इस पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को ही फैसला लेना है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इसे लेकर एक नोट जारी किया है. एसबीआई का कहना है कि SEBI नियमों के मुताबिक यस बैंक पर जानकारी देंगे.
यस बैंक की बढ़ती मुश्किलें
यस बैंक के पास करीब 40 अरब डॉलर (2.85 लाख करोड़ रुपए) की बैलेंस शीट है. सरकार नहीं चाहती कि बैंक डूब जाए. यही वजह है कि SBI कंशोर्शियम बैंक में निवेश कर सकता है. हालांकि, यस बैंक को कैपिटल बेस बढ़ाने के लिए 2 अरब डॉलर चुकाने होंगे. बैंक ने इसके लिए अपना रेजोल्यूशन प्लान घरेलू लेंडर्स SBI, HDFC, एक्सिस बैंक और LIC को भी सौंपा था, लेकिन उनके प्लान पर लेंडर्स में सहमति नहीं बनी.
दूसरी मुश्किल
यस बैंक के लिए में अगर SBI पैसा डालता भी है तो भी उसे दूसरे निवेशकों की भी तलाश होगी. लेकिन, अभी तक यह साफ नहीं है कि RBI यस बैंक में 74 फीसदी से ज्यादा विदेशी हिस्सेदारी की अनुमति देगा या नहीं. दरअसल, RBI यस बैंक से लॉक-इन कमिटमेंट चाहता है. मतलब लेंडर कंपनी तय इंटरेस्ट रेट और तय अवधि के लिए ही लोन दे सकेगी.
क्यों रकम जुटाना चाहता हैं बैंक
नियमों के मुताबिक, न्यूनतम पूंजी रेश्यो को बढ़ाने के लिए यस बैंक रकम जुटाना चाहता है. मैनेजमेंट ने सितंबर 2019 में 14,000 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान बताया था. लेकिन, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. साथ ही लेंडर्स भी बैंक में पैसा डालने से बच रहे हैं. बता दें, अगस्त 2018 में बैंक के शेयर का प्राइस 400 रुपए था, जो फिलहाल 37 रुपए के आस-पास है. बैंक का मार्केट कैप 8,888.40 करोड़ रुपए है.
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तीसरी तिमाही के नतीजे टाले
यस बैंक को जुलाई-सितंबर तिमाही में 629 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. बैंक ने दिसंबर तिमाही के नतीजे टालते हुए पिछले महीने कहा था कि 14 मार्च तक नतीजे जारी किए जाएंगे. बैंक एक साल से भी ज्यादा समय से मुश्किलों से जूझ रहा है.