सोने (gold) में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए 2019 अच्छा साल रहा है. वहीं शेयर बाजार (share market) निवेशक भी इस साल अच्छी कमाई करने में सफल रहे हैं. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने आगामी बजट (budget) में भी सुधारों को आगे बढ़ाया तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार के निवेशक अच्छी कमाई कर सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि दुनियाभर में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच नए साल में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई को छू सकता है.

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सोने ने इस साल निवेशकों को 23 प्रतिशत से अधिक प्रतिफल दिया है. वहीं शेयरों में निवेश करने वाले भी ‘मालामाल’ हुए हैं. उन्होंने ने बाजार में 15 प्रतिशत की अच्छी कमाई की है. विशेषज्ञों का कहना है कि शेयरों में निवेश पर हमेशा अधिक रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है. वहीं सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें औसत प्रतिफल शेयरों की तुलना में कम रहता है. लेकिन इस बार स्थिति पलट गई और सोने ने निवेशकों को शेयरों से अधिक मुनाफा दिया है.

दिल्ली बुलियन ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने कहा कि इस समय देश-दुनिया में अर्थव्यवस्था (economy) की हालत अच्छी नहीं हैं. दुनिया में जब भी ऐसी स्थिति बनती है, तो निवेशक निवेश के अन्य विकल्पों के बजाय सोने में निवेश को तरजीह देते हैं. आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार पिछले साल के मुकाबले 2019 में सोने में निवेशकों को 23 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल मिला है. एक साल पहले 31 दिसंबर, 2018 को 24 कैरट या 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का दाम 32,270 रुपये प्रति दस ग्राम था. इस साल के अंतिम सप्ताहांत सोने का भाव 39,700 रुपये प्रति दस ग्राम के आस-पास रहा है. इस लिहाज से सोने का भाव अभी तक 7,430 रुपये यानी 23 प्रतिशत से कुछ अधिक बढ़ चुका है.

एक और दिलचस्प तथ्य यह रहा सोने की तरह चांदी (silver) में भी निवेशकों को करीब 22 प्रतिशत तक रिटर्न मिला है.पीटीआई की खबर के मुताबिक, पिछले साल 31 दिसंबर को चांदी का भाव 39,100 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था, जो इस साल के अंतिम सप्ताहांत 47,700 रुपये प्रति किलोग्राम रही. गोयल कहते हैं कि बेशक यह धारणा है कि सोने की तुलना में शेयरों में निवेश पर अधिक कमाई होती है, लेकिन अब शेयर बाजार ‘काफी ऊंचाई’ पर हैं. ऐसे में निश्चित रूप से आगे भी सोने में निवेश करना निवेशकों के लिए अच्छा सौदा रहेगा. गोयल का कहना है कि हमारा मानना है कि 2020 में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति दस ग्राम के दायरे में रहेगा.

वहीं शेयरों की बात की जाए, तो बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 31 दिसंबर, 2018 को 36,068 अंक पर बंद हुआ था. सप्ताहांत सेंसेक्स 41,575.14 अंक के स्तर पर बंद हुआ है. इस तरह सेंसेक्स ने निवेशकों को 15.26 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो पूरे साल चले उतार-चढ़ाव को देखते हुए अच्छा माना जा रहा है. सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किशोर पी ओस्तवाल ने कहा, इस साल देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं रही है. राजनीतिक और कृषि क्षेत्र में भी स्थिति ठीक नहीं है. 

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शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है. इसकी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई हैं.’ ओस्तवाल ने कहा कि एफपीआई का शेयरों में निवेश इस साल एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. यह 2014 के बाद का उच्चस्तर है. 2014 में एफपीआई ने शेयर बाजारों में 97,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था. उन्होंने कहा कि बजट में यदि सरकार की ओर से सुधारों को आगे बढ़ाने के संकेत मिलते हैं, तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार में निवेशकों को अच्छी कमाई का मौका मिलेगा.

शेयर बाजार के पिछले रिकार्ड को देखा जाये तो 2016 में सेंसेक्स ने एक-दो फीसदी का रिटर्न ही दिया था, जबकि 2015 में शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को घाटा हुआ था. इससे पहले 2014 में 30 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को मिला था. वर्ष 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में शेयरों में निवेश करने वालों को 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ था. हालांकि, 2009 में शेयरों ने 90 प्रतिशत का रिकार्ड प्रतिफल निवेशकों को दिया.

गोयल ने कहा कि आज भी सोना ही निवेश का सुरक्षित विकल्प है. इसे पूरे साल के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह ऊपर नीचे होता रहता है. वहीं, ओस्तवाल ने कहा कि हम बजट को लेकर काफी आशान्वित हैं. यदि सरकार ने बजट में भी सुधारों को आगे बढ़ाया तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार के निवेशक अच्छा रिटर्न पाने में सफल रहेंगे. विशेष रूप से हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल छोटे निवेशक भी अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे.