हाल ही में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने सेबी (SEBI) प्रमुख माधबी बुच (Madhabi Buch) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप लगाया है कि SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी ग्रुप (Adani Group) की एक कंपनी में हिस्सेदारी है, जो इस घोटाले(Scam) में शामिल हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) में कहा गया है कि इसी वजह से सेबी ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है. इस मामले में माधबी बुच के पति धवल बुच (Dhaval Buch) का भी नाम आ रहा है.

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आरोप में कहा है कि अडानी से जुड़ी कंपनी ने बरमूडा रजिस्टर्ड, ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश किया. फिर ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड ने मॉरीशस के IPE Plus 1 में निवेश किया. IPE Plus 1 में माधबी पुरी बुच और पति धवल बुच ने निवेश किया था. बुच दंपत्ति ने IPE Plus 1 फंड में निवेश के लिए जून 2015 में  IIFL के जरिए सिंगापुर में खाता खोला था. आरोप ये भी है कि मिलीभगत की वजह से अदानी ग्रुप के ऑफशोर फंड्स के खिलाफ सेबी की कार्रवाई नहीं हुई.

पत्नी के असेट्स अपने नाम कराए थे ट्रांसफर

रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी बुच के सेबी प्रमुख बनने से कुछ दिन पहले 22 मार्च 2017 को उनके पति ने मॉरिशस फंड एडमिनिस्ट्रेटर Trident Trust से संपर्क किया. यह संपर्क उनकी तरफ से Global Dynamic Opportunities Fund (GDOF) में किए गए निवेश के बारे में किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पत्नी के नाम से असेट्स अपने नाम पर ट्रांसफर करते हुए खुद को इकलौता अकाउंट होल्डर बनाने की रिक्वेस्ट की थी.

कौन हैं धवल बुच?

मौजूदा वक्त में धवल बुच Blackstone और Alvarez & Marsal में एक सीनियर एडवाइजर हैं. इसके अलावा वह Gildan के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने 1984 में दिल्ली के आईआईटी कैंपस से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है.

धवल बुच Unilever में एग्जिक्युटिव डायरेक्टर की भूमिका में भी रह चुके हैं और फिर वह वहीं पर चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर भी बन गए. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार उन्हें प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन के तमाम तरह के अनुभव हैं.