अमेरिका में लोन महंगा होने का असर पूरी दुनिया पर, सेंसेक्स से रौनक गायब
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दरकिनार करते हुए एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इसका असर गुरुवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों पर पड़ा.
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दरकिनार करते हुए एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इसका असर गुरुवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों पर पड़ा. बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.30 बजे 144.54 अंकों की गिरावट के साथ 36,339.79 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 50.20 अंकों की कमजोरी के साथ 10,917.10 पर कारोबार करते देखे गए. चीन के शेयर भी गुरुवार को गिरावट के साथ खुले.
बीएसई सेंसेक्स 163 अंक नीचे खुला
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 163.15 अंकों की गिरावट के साथ 36,321.18 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 82.1 अंकों की कमजोरी के साथ 10,885.20 पर खुला. डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे गिरकर 70.63 पर खुला. मुद्रा कारोबारियों के अनुसार अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने और घरेलू बाजारों के कमजोर रुख के कारण रुपये में गिरावट देखी गई है.
चीनी मुद्रा में बड़ी गिरावट
चीन के शेयर गुरुवार को गिरावट के साथ खुले. शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.2 फीसदी की कमजोरी के साथ 2,544.51 पर खुला. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शेनझेन कंपोनेंट सूचांक 0.22 फीसदी की कमजोरी के साथ 7,402.2 पर खुला. चाइना फॉरेन एक्सचेंज ट्रेड सिस्टम के मुताबिक, चीन की मुद्रा युआन में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोरी रही. युआन 67 आधार अंकों की कमजोरी के साथ 6.8936 पर रहा.
फेडरल रिजर्व ने 0.25 फीसदी बढ़ाईं दरें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दरकिनार करते हुए एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. बीबीसी के मुताबिक, फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा किया, जिसके बाद अब यह दर बढ़कर 2.25 फीसदी से 2.5 फीसदी हो गई.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व से ब्याज दरें बढ़ाकर दोबारा गलती नहीं करने को लेकर आगाह किया था. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में सेंट्रल बैंक की स्वतंत्रता का बचाव करते हुए कहा कि फेडर की बैठक औरफैसलों में राजनीतिक दबाव की कोई भूमिका नहीं है.