बीते सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुए. निफ्टी जहां 11,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ. वहीं, सेंसेक्स 37,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ. साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 649.17 अंकों या 1.74 फीसदी की गिरावट के साथ 36,701.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 218.45 अंकों या 1.98 फीसदी की गिरावट के साथ 10,829.35 पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 288.82 अंकों या 2.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 13,202.08 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 398.48 अंकों या 3.17 फीसदी की गिरावट के साथ 12,186.11 पर बंद हुआ.

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सोमवार को सेंसेक्स 52.16 अंकों या 0.14 फीसदी तेजी के साथ 37,402.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 6.10 अंकों या 0.06 फीसदी की तेजी के साथ 11,053.90 पर बंद हुआ. मंगलवार को शेयर बाजारों में गिरावट रही और सेंसेक्स 74.48 अंकों या 0.20 फीसदी की गिरावट के साथ 37,328.01 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 36.90 अंकों या 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 11,017 पर बंद हुआ.

बुधवार को वैश्विक बाजारों में बिकवाली के दवाब में सेंसेक्स 267.64 अंकों या 0.72 फीसदी की गिरावट के साथ 37,060.37 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 98.30 अंकों या 0.89 फीसदी की गिरावट के साथ 10,918.70 पर बंद हुआ. गुरुवार को लगातार तीसरे दिन शेयर बाजारों में गिरावट रही. सेंसेक्स 587.44 अंकों या 1.59 फीसदी की गिरावट के साथ 36,472.93 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 180.95 अंकों या 1.67 फीसदी की गिरावट के साथ 10,737.75 पर बंद हुआ.

शुक्रवार को सेंसेक्स 228.23 अंकों या 0.63 फीसदी की तेजी के साथ 37,701.48 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 88 अंकों या 0.82 फीसदी की तेजी के साथ 10,829 पर बंद हुआ. बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- टीसीएस (3.88 फीसदी), टेक महिंद्रा (3.65 फीसदी), इंफोसिस (3.53 फीसदी), सन फार्मा (3.12 फीसदी) और एचसीएल टेक (2.35 फीसदी).

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे- यस बैंक (25.42 फीसदी), इंडसइंड बैंक (8.89 फीसदी), टाटा मोटर्स (8.29 फीसदी), टाटा मोटर्स डीवीआर (7.43 फीसदी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (6.42 फीसदी). आर्थिक मोर्चे पर, फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चालू वित्त वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में 40 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है, क्योंकि मौद्रिक नीति में अब तक जो राहत दी गई है, उससे आर्थिक विकास को अधिक बढ़ावा नहीं मिला है.