वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना सांतवां बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने बजट स्पीच के दौरान कई योजनाओं के बारे में बताया. इस दौरान वित्त मंत्री ने बाजार और बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में कहा कि अगर निवेशकों की शेयर बायबैक से कमाई होती है तो उस पर टैक्स का भुगतान करना होगा. इसका मतलब ये हुआ कि अगर निवेशकों की कमाई शेयर बायबैक से हो रही है तो अब कंपनियों के साथ-साथ निवेशकों को भी टैक्स देना होगा. हालांकि निवेशकों के लिहाज से ये बहुत अच्छी खबर नहीं है. वित्त मंत्री का कहना है कि डिविडेंड के तौर पर जैसी कमाई होती है, ठीक वैसे ही शेयर बायबैक से होने वाली कमाई पर टैक्स वसूला जाएगा. 

शेयर बायबैक से कमाई पर टैक्स

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वित्त मंत्री ने निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर दी है. अब यह प्रस्ताव किया गया है कि जब कंपनियां शेयरों को बाय-बैक करेंगी, तो उस बाय-बैक से जो आय निवेशक को मिलेगी, उसे कंपनी की बजाय निवेशक के हाथ में लाभांश के रूप में कर योग्य बनाया जाएगा.     इसका मतलब है कि जो आय निवेशक को बाय-बैक के जरिए मिलेगी, उस पर निवेशक को लाभांश की तरह कर देना होगा. अभी तक, जब कंपनियां अपने शेयरों को बाय-बैक करती हैं, तो इस प्रक्रिया पर कंपनी को अतिरिक्त आयकर देना होता है.

कैपिटल लॉस का नियम होगा लागू

साथ ही, जिन शेयरों को बाय-बैक किया गया है, उनकी खरीद लागत को निवेशक के लिए पूंजीगत हानि के रूप में माना जाएगा. इसका मतलब है कि निवेशक उन शेयरों की मूल खरीद लागत को पूंजीगत हानि के रूप में दिखा सकता है, जो भविष्य में पूंजीगत लाभ को ऑफसेट करने में फायदेमंद हो सकती है.

उदाहरण के तौर पर समझें

अगर किसी निवेशक ने किसी कंपनी के 100 शेयर ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे और कंपनी ने उन शेयरों को ₹150 प्रति शेयर के हिसाब से बाय-बैक किया, तो बाय-बैक से मिली ₹15,000 की आय पर निवेशक को लाभांश टैक्स देना होगा. वहीं, ₹10,000 (100 शेयर × ₹100) की मूल लागत को निवेशक पूंजीगत हानि के रूप में दिखा सकता है.