रियल एस्टेट Stocks बरसाएंगे पैसा! आई ताजा ब्रोकरेज रिपोर्ट; Budget 2024 के पहले लगा सकते हैं दांव
Real Estate Stocks: इक्विटी फर्म Avendus Spark ने सेक्टर के कई शेयरों पर अपनी रिपोर्ट पब्लिश की है. इसमें स्टॉक्स पर BUY/SELL के साथ-साथ सेक्टर के लिए आउटलुक भी दिया गया है.
Updated on: June 25, 2024, 03.28 PM IST
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रियल एस्टेट सेक्टर में कहां है ग्रोथ?
Avendus की रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप 9 शहरों में 1QFY25 में बेची गई यूनिट्स में में तिमाही-दर-तिमाही 20% की गिरावट आई है. दूसरे हाफ में मजबूत लॉन्च से FY25 के प्री-सेल्स में
25% बढ़त की उम्मीद है. 60-80% प्री-सेल्स दूसरे हाफ में होगा. साल-दर-साल सभी पांच कंपनियों- Godrej Properties, Prestige Estate, DLF, Oberoi Realty और Macrotech का मजबूत ग्रोथ दिख रहा है. लॉन्च से DLF और Godrej को फायदा होगा. 360 वेस्ट सेल्स से Oberoi को फायदा होगा. Macrotech का मजबूत इन्वेंट्री लेवल है. कम इन्वेंट्री स्तर और कम लॉन्च से Prestige में धीमी तिमाही संभव है. Godrej और Prestige में FY23-26e 38% प्री-सेल्स CAGR की उम्मीद, DLF 17% के साथ सबसे कम पर अनुमान है.
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किन Real Estate Stocks पर बुलिश है ब्रोकरेज?
Godrej Properties पर ब्रोकरेज हाउस सबसे ज्यादा बुलिश है. इसपर BUY की रेटिंग के साथ लक्ष्य 3स000 से बढ़ाकर 4,000 किया है. तिमाही आधार पर बुकिंग वैल्यू अब तक के उचत्तम स्तर पर चल रहा है. FY24 की बुकिंग वैल्यू सेक्टर में सबसे ज्यादा थी. कंपनी की आगे की लॉन्च पाइपलाइन और लैंड पार्सल री रेटिंग के सबसे बड़े कारण होंगे. अगले 2 साल बुकिंग वैल्यू में 15% CAGR का अनुमान है. आगे प्री सेल्स और कैश फ्लो में और सुधार का अनुमान है.
इस स्टॉक पर ब्रोकरेज ने ADD की राय दी है और लक्ष्य 1580 से बढ़ाकर 2150 पर कर दिया है. कंपनी की लॉन्च पाइपलाइन इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा है. कॉमर्शियल और रेंटल सेगमेंट में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है.
DLF पर Reduce से बढ़ाकर ADD की रेटिंग दी है. लक्ष्य 770 से बढ़ाकर 900 किया है. FY24 में कम नए लॉन्च के बाद आगे नए लॉन्च में तेजी आएगी. अगले 2 साल ऑपरेटिंग कैश फ्लो में 20% CAGR की उम्मीद है. अगले 3 साल रेंटल इनकम में 15% CAGR की उम्मीद है.
ब्रोकरेज ने इस स्टॉक को डाउनग्रेड किया है. ADD से घटाकर बिकवाली की सलाह दी है. लक्ष्य 1275 से बढ़ाकर 1600 कर दिया है. ब्रोकरेज ने कहा है कि कंपनी के लिए ग्रोथ को कायम रखना चुनौती होगा. माइक्रो मार्किट में ज्यादा सप्लाई की दिक्कत है.