Paytm: ब्लॉक डील के बाद पेटीएम के शेयरों (Paytm Block Deal)में भारी बिकवाली दिख रही है. शुरुआती कारोबार में इस शेयर में 10 फीसदी तक की भारी गिरावट देखी जा रही है. खबरों के मुताबिक, पेटीएम के 4.9 फीसदी इक्विटी का हैंड ट्रांसफर हुआ है. यह डील 1789 करोड़ में हुई है. शेयर का औसत भाव 562 रुपए है. माना जा रहा है कि सॉफ्ट बैंक ने अपनी हिस्सेदारी बेची है. इस समय पेटीएम का शेयर 550 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 510 रुपए का है, जबकि उच्चतम स्तर 1955 रुपए का है. 

लंबे समय से दबाव में पेटीएम का शेयर

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पेटीएम का शेयर लंबे समय से दबाव में चल रहा है. बीते एक हफ्ते में इस शेयर में 12.75 फीसदी की गिरावट आई है. एक महीने में 18.54 फीसदी, तीन महीने में 30 फीसदी और इस साल अब तक करीब 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

अक्टूबर में कैसा रहा पेटीएम का प्रदर्शन

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने बुधवार को ही अक्टूबर महीने के प्रदर्शन का डेटा ट्वीट किया. बीते महीने पेटीएम ने 3.4 मिलियन लोन बांटे. सालाना आधार पर इसमें 161 फीसदी का उछाल आया है. लोन वैल्यु 3056 करोड़ रही जिसमें सालाना आधार पर 387 फीसदी की तेजी है. मर्चेंट पेमेंट वॉल्यूम में सालाना आधार पर 42 फीसदी का उछाल आया है और यह 1.18 लाख करोड़ रहा. मंथली ट्रांजैक्टिंग यूजर्स में 33 फीसदी का उछाल आया और यह 84 मिलियन रहा है.

लॉन्ग टर्म में 130% से ज्यादा रिटर्न का टारगेट

वैसे लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए पेटीएम अच्छा दांव हो सकता है. ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities ने  सितंबर तिमाही के रिजल्ट के बाद इस स्टॉक में खरीद की सलाह दी है. इसके लिए टारगेट प्राइस को 1285 रुपए पर बरकरार रखा है. वर्तमान स्तर के मुकाबले यह 130 फीसदी से ज्यादा है.

कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न

शेयर होल्डिंग पैटर्न की बात करें तो सितंबर तिमाही के अंत में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के पास 78.6 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि 21.4 फीसदी अदर्स के पास है. इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की बात करें तो म्यूचुअल फंड्स के पास 1.3 फीसदी, FII के पास 5.8 फीसदी, FDI के पास 71.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

रेवेन्यू और मार्जिन में लगातार सुधार

क्वॉर्टरली परफॉर्मेंस की बात करें तो कंपनी के रेवेन्यू और मार्जिन में लगातार सुधार आ रहा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का नुकसान 6500 करोड़ का था जो दूसरी तिमाही में घटकर 5700 करोड़ पर आ गया है. लेंडिंग बिजनेस में तेजी से सुधार आ रहा है जिसको लेकर सीईओ विजय शेखर शर्मा ने डेटा भी शेयर किया है. मंथली ट्रांजैक्शन में भी सुधार आया है.

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