NBFCs कंपनियों का आया अच्छा समय? Anil Singhvi से जानिए आगे स्टॉक्स की कैसी रहेगी चाल
NBFCs कंपनियों का अच्छा समय आया है. इसकी वजह है कि इन कंपनियों के फंडामेंटल तेजी से बदल रहे हैं. कई NBFCs में बैंक बनने की ताकत है.
Anil Singhvi view on NBFCs Stocks: शेयर बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई में कई सेक्टर्स में अच्छे मौके बन रहे हैं. इनमें एक सेक्टर NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां) है. मंगलवार (4 जुलाई) को बजाज फाइनेंस के स्टॉक्स में शुरुआती कारोबार में 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी है. माना जा रहा है कि NBFCs कंपनियों का अच्छा समय आया है. इसकी वजह है कि इन कंपनियों के फंडामेंटल तेजी से बदल रहे हैं. कई NBFCs में बैंक बनने की ताकत है. NBFCs कंपनियों पर जानते हैं जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी की राय.
घटती ब्याज दरों में फायदा
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है, बढ़ती हुईं ब्याज दरों में NBFCs कंपनियों को मुश्किल होती है लेकिन जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो इनको बड़ा फायदा मिलता है. पहला, ये कि इनका कॉस्ट ऑफ फंड कम हो जाता है. यानी, जो पैसा ये बैंकों और दूसरे इंस्टीट्यूशंस से उधार लेते हैं, वो इनके लिए सस्ता हो जाता है. NBFCs का रॉ मैटीरियल पैसा है, ये पैसा उधार लेते हैं और फिर उसे उधार दे देते हैं. अब जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो ये पैसा लाने की अपनी लागत तुरंत कम करा देती हैं. लेकिन जिन लोगों को इन्होंने लोन दिया है, उनकी ब्याज दरें जल्दी से कम नहीं करते हैं. पहले अप्लीकेशन लेते हैं फिर उस पर विचार करते हैं. ऐसे में महीने, दो महीने का समय निकल जाता है.
अनिल सिंघवी का कहना है, घटती हुई ब्याज दरों में इन कंपनियों के इंटरेस्ट मार्जिन बहुत मजबूत हो जाते हैं. NPA का जोखिम कम हो जाता है. क्रेडिट ऑफटेक यानी कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ जाती है. इस तरह के फायदे NBFCs कंपनियों को मिलता है. एक सबसे बड़ी बात यह भी है कि अगर प्राइवेट बैंक या सरकारी बैंक 2, 4 या 5 टाइम बुक वैल्यू पर ट्रेड करते हैं, तो NBFCs 1 से 1.5 टाइम पर ही ट्रेड करते हैं. इस तरह इनमें वैल्युएशन गैप भी होता है. कई ऐसी NBFCs हैं जो मजबूत हैं और बैंक बनने लायक हैं.