आपके पोर्टफोलियो में हैं मेटल शेयर? जानिए मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने क्यों कहा- उछाल पर बेचे स्टॉक
Market Guru Anil Singhvi on Metal Stocks: जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है कि सेंटीमेंट के लिहाज से एक्सपोर्ट ड्यूटी में कटौती स्टील कंपनियों के लिए पॉजिटिव खबर है. लेकिन, असल में स्टील कंपनियों के लिए यह डेवलपमेंट फायदेमंद नहीं है.
Market Guru Anil Singhvi on Metal Stocks: स्टील सेक्टर को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने स्टील प्रोडक्ट्स और लौह अयस्क (Iron Ore) पर निर्यात शुल्क (Export Duty) में कटौती कर दी है. यह ड्यूटी 6 महीने पहले ही लगाई गई थी. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके मुताबिक पिग आयरन और स्टील प्रोडक्ट्स, Iron Ore pellets के एक्सपोर्ट पर अब कोई ड्यूटी नहीं लगेगा. सरकार के इस कदम को स्टील कंपनियों के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसे में अगर आपके पोर्टफोलियो में मेटल शेयर हैं, तो आपको आगे कैसी स्ट्रैटजी बनानी चाहिए. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है कि सेंटीमेंट के लिहाज से एक्सपोर्ट ड्यूटी में कटौती स्टील कंपनियों के लिए पॉजिटिव खबर है. लेकिन, असल में स्टील कंपनियों के लिए यह डेवलपमेंट बहुत फायदेमंद नहीं है.
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना कि ड्यूटी में कटौती वाकई में स्टील बनाने वाली कंपनियों के लिए बहुत फायदे की बात नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर हम पिछला हफ्ता देखें, तो दुनियाभर के कमोडिटीज मार्केट में मेटल्स, ऑयरन ओर के दाम कम हुए हैं, वहां कोहराम मचा है. अगर आप एक्सपोर्ट सस्ता करने की कोशिश भी कर रहे हैं, इसके लिए ड्यूटी हटा भी रहे हैं, लेकिन डिमांड तो होनी चाहिए. ऐसे में सवाह यह है कि आपका स्टील कौन खरीदेगा. लोकल डिमांड भी मुश्किल में है, कीमतों पर दबाव है और ग्लोबल डिमांड नहीं है.
उनका कहना है, सोचिए कि लोग कच्चा तेल नहीं खरीद रहे हैं, तो स्टील कहां से खरीदेंगे. कच्चा तेल रोज काम आने वाली चीज है. स्टील में तो बड़ी खरीदारी होती है. इसलिए ग्लोबली आप चाहें, तो भी ड्यूटी हटने के बावजूद एक्सपोर्ट नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वहां डिमांड नहीं है. साथ ही दाम तेजी से घटे हैं. ऐसे में आपको कॉम्पिटेटिव होना पड़ेगा.
क्या मेटल स्टॉक चलेंगे?
ड्यूटी हटने की खबर के दम पर क्या मेटल शेयर चलेंगे? अनिल सिंघवी का कहना है कि इस खबर के दम में मेटल शेयर चढ़ सकते हैं. यह एक सेंटीमेंटल इम्पैक्ट है. 4-6 फीसदी की तेजी स्टॉक्स में आ सकती है. लेकिन, इसमें सलाह यही है कि मेटल शेयरों में उछाल पर बिकवाली करें. जब भी किसी अच्छी खबर के दम पर मेटल शेयर उछले, इसमें बिकवाली करनी है.
उनका कहना है कि मार्च तक बहुत तेजी में मेटल शेयरों में नहीं आना है. इस तिमाही के नतीजे देखकर यह मालूम चला जाएगा कि नंबर खराब आने वाले हैं. सितंबर तिमाही के मुकाबले दिसंबर तिमाही में भी नतीजे खराब आने की आशंका पूरी है. अगर आप स्टॉक में फंसे हुए हैं, तो ऊपर में निकलने के बारे में सोचें. एक शॉर्ट कवरिंग रैली बनने की उम्मीद है. सेंटीमेंट के लिहाज से 1-2 दिन की तेजी बने लेकिन यह बात ध्यान रखें कि अगर आपके पास मेटल शेयर हैं, तो ऊपर में देना है, लेना नहीं है.
सलेक्टेड ऑयरन ओर पर जीरो ड्यूटी
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक कम ऑयरल वाले ऑयरन ओर लम्प्स और फाइन्स (जिनमें लौह 58 फीसदी से कम है) पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी गई है. वहीं, 58 फीसदी से ज्यादा लौह वाले आयरन ओर लम्प्स और फाइन्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटकर 30 फीसदी कर दी गई है. स्टील इंडस्ट्री में रॉ मैटीरियल के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एन्थ्रेसाइट/पीसीआई, कोकिंग कोल (coking coal) और फेरोनिकेल (ferronickel) पर आयात शुल्क बढ़ाकर 2.5% कर दिया गया है, जबकि कोक (coke) और सेमी-कोक (semi-coke) जिस पर शुल्क पहले शून्य था, अब इन पर इसे बढ़ाकर 5% कर दिया गया है.
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