मार्केट गुरु Anil Singhvi से जानिये Tata Motors DVR की डीलिस्टिंग से किसे फायदा? इस Delisting में क्या है खास
Tata Motors DVR Delisting: मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) का कहना है, DVR का इक्विटी शेयर में कन्वर्जन एक मास्टर स्ट्रोक है. टाटा मोटर्स के मुकाबले 42 फीसदी के डिस्काउंट पर टाटा मोटर्स डीवीआर है. टाटा मोटर्स डीवीआर के शेयरधारकों को 19.6 फीसदी का प्रीमियम मिलेगा.
Tata Motors DVR Delisting: Tata Motors DVR की डीलिस्टिंग को मंजूरी मिल गई है. टाटा मोटर्स डीवीआर के 10 शेयर के बदले टाटा मोटर्स के 7 शेयर मिलेंगे. टाटा मोटर्स ने जून 2023 तिमाही के नतीजे जारी करने के दौरान डीवीआर की डीलिस्टिंग का ऐलान किया है. कंपनी ने सभी पैमाने पर दमदार प्रदर्शन किया है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) का कहना है, DVR का इक्विटी शेयर में कन्वर्जन एक मास्टर स्ट्रोक है. टाटा मोटर्स के मुकाबले 42 फीसदी के डिस्काउंट पर टाटा मोटर्स डीवीआर है. टाटा मोटर्स डीवीआर के शेयरधारकों को 19.6 फीसदी का प्रीमियम मिलेगा. बुधवार (26 जुलाई) के शुरुआती सेशन में टाटा मोटर्स डीवीआर का शेयर 13 फीसदी से ज्यादा उछलकर 52 हफ्ते का नया हाई बनाया. वहीं, टाटा मोटर्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहा है.
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) का कहना है कि टाटा मोटर्स DVR की डीलिस्टिंग एक अहम फैसला है. इसमें टाटा मोटर्स DVR के 10 शेयर के बदले टाटा मोटर्स के 7 शेयर मिलेंगे. इस कुछ अहम बातें समझने वाली है. मसलन, DVR (Differential Voting Rights) ज्यादातर पब्लिक के पास है. प्रमोटर के पास नहीं है. प्रमोटर के पास इसलिए नहीं है क्योंकि इसमें वोटिंग राइट नहीं होता है. प्रमोटर को वोटिंग राइट्स चाहिए होता है.
उनका कहना है कि टाटा मोटर्स की जगह कोई और मैनेजमेंट होता, तो वह रेश्यो फेवलेबल बनाता जो टाटा मोटर्स के फायदे का हो. लेकिन इन्होंने टाटा मोटर्स डीवीआर के लिए फेवरेबल रेश्यो बनाया है. ICICI बैंक और बाकी कंपनियों को टाटा मोटर्स से ये बात सीखने की जरूरत है. ये फर्क है टाटा मोटर्स और बाकी कंपनियों में. उन्होंने इस डीलिस्टिंग में माइनॉरिटी और रिटेल शेयरहोल्डर्स के फेवर में रेश्यो दिया है.
अनिल सिंघवी का कहना है कि इस कन्वर्जन से टाटा मोटर्स को भी फायदा होगा. उनकी इक्विटी 4 फीसदी घटेगी. इससे उनकी ईपीएस बढ़ जाएगी. इससे उनको इक्विटी रिडक्शन का फायदा मिल जाएगा. ऐसे में टाटा मोटर्स के शेयरहोल्डर्स को वहां फायदा मिल रहा है. वहीं, टाटा मोटर्स डीवीआर के जो शेयरधारक हैं, उनको 17-18 फीसदी का अपसाइड मिलेगा. यह प्रकिया पूरी होने में 12-15 महीने लगेंगे. इस दौरान जो ब्याज के फर्क का कैलकुलेशन वो चलता रहेगा. बहरहाल, यह दोनों ही स्टॉक्स के लिए यह पॉजिटिव है. उनका कहना है कि टाटा मोटर्स का शेयर पोर्टफोलियो स्टॉक है. लॉन्ग टर्म के लिए शेयर है. इसमें गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए. यह शेयर अब 700 की रेंज वाला शेयर बन रहा है.