चुनावी नतीजों के बाद जोश हाई! बड़ा पैसा Hindustan में आने के लिए तैयार? जानिए Anil Singhvi की राय
Editors Take: जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है कि रिजल्ट को बाजार के हिसाब से देखें तो एक बात नोट कने वाली है कि FIIs कहां जाएंगे, यही आएंगे. इसका मतलब कि हिंदुस्तान में बड़ा पैसा आने को तैयार है.
Editors Take: विधानसभा चुनावों में BJP चार में से तीन राज्यों में जबरदस्त जीत का असर सोमवार को घरेलू बाजारों में देखने को मिला. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली तगड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2024 में 'हैट्रिक की गारंटी' की बात कही है. चुनावों नतीजों के बाद बाजार में 'तेजी की गारंटी' देखने को मिलेगी. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है कि रिजल्ट को बाजार के हिसाब से देखें तो एक बात नोट करने वाली है कि FIIs कहां जाएंगे, यही आएंगे. इसका मतलब कि हिंदुस्तान में बड़ा पैसा आने को तैयार है.
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है, चुनाव में एक सबसे बड़ा कैचवर्ड था 'मोदी की गारंटी', और मोदीजी ने कल बोला कि 2024 में 'हैट्रिक की गारंटी'. अब इस हैट्रिक की गारंटी में बाजार के लिए क्या मायने है. इसमें एक गोल्डेन वर्ड नोट करने वाली है. FIIs कहां जाएंगे, यही आएंगे. FIIs यहीं पैसा लगाएंगे. आप एक बार अपने दिल-दिमाग में बैठा लीजिए. FIIs की सेलिंग से डरना नहीं है. वो जब बेचे हमें खरीदना है. हिंदुस्तान के इन्वेस्टर, हिंदुस्तान के फंड्स और रिटेल निवेशक FIIs से कहीं ज्यादा बड़े हैं, कहीं ज्यादा कॉन्फिडेंट और कहीं ज्यादा मजबूत हैं. और यह मजबूती एकसाथ आने में है. न कि अकेले-अकेले.
मार्केट गुरु का कहना है, आज जो भी पैसा लगाते हैं, वो भविष्य में यानी 2024 या 2025 में कितना पैसा कमाएंगे, यह उम्मीद रहती है. आज किसी FIIs को संदेह है कि 2024 में नहीं आएंगे, किसी और को यह संदेह नहीं है. 2024 में यही आएंगे. अब तक 20,300 का लाइफ हाई आपने देखा है, उसमें हमारे रिटेल निवेशकों का बड़ा योगदान है. अब आगे मार्केट FIIs खींचकर ले जाएंगे. 2025 में जमकर पैसा लगाएंगे. हिंदुस्तान में बड़ा पैसा आने को तैयार है. अभी तक का लाइफ हाई ग्लोबल संकेतों के दम पर था. लेकिन अब चुनाव का नतीजा न होता बाजार और ऊपर होता.
अंडर ओन्ड बाजार में मजबूती आने की उम्मीद
उनका कहना है, ज्यादातर लोगों को अंदेशा था कि बीजेपी राज्यों में हार गई तो क्या होगा. इसका असर चुनाव नतीजों से पहले बाजार में सुस्ती के रूप में दिखाई दिया. हालांकि उसे पहले मंथली एक्सपायरी भी एक वजह थी. दूसरी अहम बात की अगली सीरीज शुरू होने से पहले ही बाजार के नतीजे आने वाले थे, इसलिए बाजार में सभी पोजीशन हल्की, अंडर ओन्ड रही. अभी भी निवेशकों के पास अच्छी खासी लिक्विडिटी है और वो इक्विटी में लगा सकते हैं. वहीं ज्यादातर निवेशकों के पास जितना इक्विटी एक्सपोजर होना चाहिए, वो नहीं है. यानी अंडर ओन्ड है. उसमें भी लोगों ने प्रॉफिट बुकिंग कर ली. चुनाव नतीजों से पहले मुनाफावसूली हुई. इसलिए इतने हल्के और अंडर ओन्ड बाजार में मजबूती आने की उम्मीद है.