Fertiliser Stocks: इंडियन फर्टिलाइजर मार्केट साल दर साल 4.2% की ग्रोथ रेट के साथ 2032 तक 1.38 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. यह अनुमान ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने एक रिसर्च रिपोर्ट में लगाया है. रिपोर्ट के अनुसार उर्वरक उद्योग भारत में सबसे तेजी से बढ़ते बुनियादी उद्योगों में से एक है. फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज में ग्रोथ से उर्वरक बनाने कंपनियों में निवेश का मौका बना है. ब्रोकरेज ने 5 फर्टिलाइजर स्टॉक्स में खरीदारी की सलाह दी है. 

कृषि क्षेत्र में हो रहा बदलाव

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रिपोर्ट में कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से देश के कृषि क्षेत्र में बदलाव हो रहा है. इसका उर्वरक उद्योग पर अनुकूल असर हो रहा है. भारत ने वर्ष 2025-26 के लिए 34 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. लक्ष्य को पूरा करने में उर्वरक उद्योग की बहुत बड़ी भूमिका होगी. भारत के उर्वरक बाजार में मुख्यत: नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम उर्वरकों की ही प्रभुत्व है. उर्वरक मंत्रालय द्वारा लागू की उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने की रणनीतियों के कारण 2023-24 में कुल उर्वरक का उत्पादन 4.52 करोड़ टन था.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन साल में भारत में उत्पादिन प्रमुख उर्वरकों में यूरिया, डीएपी और एनपीके के उत्पादन और बिक्री में तेजी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार देश के यूरिया बाजार की ग्रोथ रेट काफी अधिक है लेकिन डीएपी और एनपीके के उत्पादन और बिक्री के आंकड़े भी मजबूत दिखते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ग्रोथ कृषि क्षेत्र में हो रहे बड़े परिवर्तन के बीच सरकार की दूरगामी पहलों के मिले-जुले प्रभाव का परिणाम है. इन प्रयासों से आज भारत दुनिया के समग्र उर्वरक उत्पादन में तीसरे स्थान पर नाइट्रोजन उर्वरकों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर और फॉस्फेट उर्वरकों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

उर्वरक आयात में गिरावट

प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार देश में उर्वरकों की सभी कैटिगरी की बिक्री और उत्पादन में बढ़ोतरी दिखती है लेकिन इसके साथ आयात की मात्रा में उल्लेखनीय गिरावट आई है. यह रुझान देश के कृषि और उर्वरक उद्योगों में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति का संकेत हैं. 

गुजरात देश में उर्वरकों की 14 फीसदी फैक्ट्रियाों के साथ का सबसे बड़ा उत्पादक है और नाइट्रोजन और फॉस्फेरस वाले उर्वरक में राज्य की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई है. उसके बाद 9 फीसदी कारखानों के साथ तमिलनाडु का हिस्सा है. उत्तर प्रदेश भी करीब 9 फीसदी स्थापित उत्पादन क्षमता के साथ तीसरे स्थान पर है. उसके बाद महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश का नंबर आता है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अनाज उत्पादन में भारत की वैश्विक स्थित देश में उर्वरक बाजार में बढ़ोतरी में सबसे बड़ा कारक है. फल और सब्जी उत्पादन में भी चीन के बाद भारत दूसरे स्थआन पर है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं से भी उद्योग को बल मिला है. रिपोर्ट अनुसार नैनो यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी है और 2025 तक लिक्विड यूरिया के कारखानों की संख्या 9 हो सकती है. घरेलू स्तर पर उर्वरक उत्पादन बढ़ाने से कीमतों में स्थिरता बढ़ाने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के अनुसार इन पहलों से यूरिया का आयात 7 फीसदी, डीएपी का 22 फीसदी और एनपीके का आयात 27 फीसदी घट गया है. सभी उर्वरकों की नीम कोटिंग और पोषण दक्षता बढ़ाने का प्रयास है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर उर्वरक उद्योग की संभावनाएं बड़ी और उत्साहवर्धक हैं.

इन 5 फर्टिलाइजर स्टॉक्स में करें खरीदारी

GNFC

Gujarat Narmada Valley Fertilizers & Chemicals Ltd में खरीदारी की सलाह है. ब्रोकरेज ने शेयर का टारगेट 800 रुपये प्रति शेयर दिया है. स्टॉप लॉस 600 रुपये रखना है. 

GSF 

Gujarat State Fertilizers & Chemicals में BUY की रेटिंग है. टारगेट प्राइस 295 रुपये प्रति शेयर है. स्टॉप लॉस 210 रुपये रखना है

RCF 

Rashtriya Chemicals & Fertilizers में निवेश की सलाह है. टारगेट प्राइस 180 रुपये प्रति शेयर है. स्टॉप लॉस 135 है. 

NFL 

National Fertilizers Ltd में खरीदारी की राय है. स्टॉक का टारगेट 130 रुपये प्रति शेयर है. स्टॉप लॉस 86 रुपये है.

Madras Fertilizers

ब्रोकरेज ने Madras Fertilizers पर BUY की रेटिंग दी है. शेयर का टारगेट प्राइस 115 रुपये प्रति शेयर है. स्टॉप लॉस 75 रुपये है.