आखिरकार HDFC का मर्जर HDFC Bank में पूरा हुआ. इस मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक दुनिया के टॉप-10 बैंकों में शामिल हो गया है. बैंक के एडवांस में करीब 40 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया और यह 22 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया. डिपॉजिट्स भी 20 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. निवेशकों के मन में इस बैंक को लेकर कई तरह के विचार उठ रहे हैं. अगर कोई निवेशक पहले से HDFC Bank में निवेशित है या फिर कोई निवेशक फ्रेश खरीदारी करना चाहता है तो उसके मन में बैंक के आउटलुक और परफॉर्मेंस को लेकर कई सवाल हैं. आइए इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.

बैलेंसशीट 25 लाख करोड़ रुपए के पार

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HDFC Bank का शेयर बीते हफ्ते 1652 रुपए पर बंद हुआ. 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 1757 रुपए है और न्यूनतम स्तर 1365 रुपए का है. बैंक का मार्केट कैप 12.5 लाख करोड़ रुपए है. जून तिमाही में बैंक की तरफ से जो रिजल्ट जारी किया गया उसके आधार पर टोटल बैलेंसशीट 25 लाख करोड़ रुपए का है. जून 2022 में यह 21 लाख करोड़ रुपए का था. टोटल डिपॉजिट्स 19.13 लाख करोड़ रुपए रहा. टोटल एडवांस 16.15 लाख करोड़ रुपए का रहा.  बैंक का नेटवर्क 7860 ब्रांच का है. 20352 ATM का नेटवर्क है. बैंक में कुल 1.82 लाख एंप्लॉयी काम करते हैं. 

FII ने बढ़ाया है स्टेक

जून तिमाही के आधार पर FII यानी विदेशी निवेशक 33.38 फीसदी और DII यानी डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की हिस्सेदारी 26.99 फीसदी है. मार्च तिमाही में DII की हिस्सेदारी 28.33 फीसदी और FII की हिस्सेदारी 32.24 फीसदी थी. 

FY2024 में में 17-18% ग्रोथ की उम्मीद

ICICI डायरेक्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि HDFC Bank लगातार परफॉर्म करता रहा है. नेट इंटरेस्ट मार्जिन 4 फीसदी और ROE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी 15 फीसदी के करीब रहा है. ब्रोकरेज ने कहा कि HDFC Bank का फोकस डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ाने है. बैंक का ध्यान अब सेमी अर्बन और रूरल एरिया पर है. मर्जर के बाद ब्रांच की संख्या बढ़कर 7860 हो गई है. बैंक FY22-25E के बीच ब्रांच संख्या डबल करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है. इससे बैंक का कारोबार तेजी से बढ़ेगा. मैनेजमेंट का मानना है कि मर्जर के बाद जो वोलाटिलिटी है वह धीरे-धीरे दूर हो जाएगी. FY2024 में इंटीग्रेटेड एंटिटी 17-18 फीसदी तक ग्रोथ दर्ज करेगा.

ब्रोकरेज ने क्या टारगेट दिया है?

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि FY19-FY22 के बीच HDFC Bank का तीन सालों का औसत ग्रोथ NII के लिए 10 फीसदी और PAT के लिए 12 फीसदी रहा है. FY22-25E के बीच नेट इंटरेस्ट इनकम का औसत ग्रोथ 17 फीसदी और प्रॉफिट ग्रोथ 21 फीसदी रहने का अनुमान है. इस आधार पर ब्रोकरेज ने अगले 12 महीने का टारगेट 2050 रुपए का दिया है. वर्तमान स्तर से यह 25 फीसदी ज्यादा है.

HDFC Bank के सामने क्या है चुनौती?

अगल लॉन्ग टर्म के लिहाज से HDFC Bank की चुनौतियों को देखें तो ब्रांच एक्सपेंशन के कारण बैंक का कैपिटल एक्सपेंडिचर हाई रहा है और अभी यह हाई बना रहेगा. मर्जर से पहले कैश डिपॉजिट रेशियो 85-88 फीसदी था. मर्जर के बाद कैशि-डिपॉजिट रेशियो 120 फीसदी पर पहुंच गया है. अगले 3-4 सालों में यह नॉर्मल हो जाने की उम्मीद है. CD रेशियो में सुधार से बैंक के मार्जिन में सुधार आएगा.

सिक्योर्ड लोन से असेट क्वॉलिटी में आएगा सुधार

वैल्यु रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि होम लोन कस्टमर्स किसी भी बैंक के बैलैंसशीट को स्टैबिलिटी देने में ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं. होम लोन सिक्योर्ड होता है. पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन अन-सिक्योर्ड होता है. होम लोन बॉरोअर्स का ऐवरेज डिपॉजिट, रीटेल लोन बॉरोअर्स के मुकाबले 5-7 गुना तक ज्यादा होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि HDFC  के 70 फीसदी कस्टमर्स ऐसे थे जिनक बैंकिंग HDFC Bank के साथ नहीं चल रहा है. मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक को इसका बड़ा फायदा मिलेगा. ओवरऑल बिजनेस में तेजी देखने को मिलेगी.

HDFC Bank को हाउसिंग लोन डिमांड का मिलेगा फायदा

मर्जर के बाद HDFC Bank के सीईओ शशिधर जगदीशन ने कहा था कि हर 4 साल बाद हम एक नया HDFC Bank तैयार करेंगे. बैंक के पास डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है, पर्याप्त कैपिटल है, असेट क्वॉलिटी हेल्दी, प्रॉफिट शानदार. ये सभी मजबूत इंडिकेटर्स आने वाले समय में निवेशकों का भरोसा मजबूत करेंगे. सीईओ का मानना है कि अभी हाउसिंग इंडस्ट्री में अपार संभावना है. बैंक को इसका बड़ा फायदा मिलेगा. HDFC  के सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा था कि भारत में हाउसिंग और हाउसिंग लोन का आउटलुक काफी मजबूत है.

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां स्‍टॉक्‍स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)