Crude Oil Price: कमोडिटी बाजार में बड़ी हलचल है. कच्चा तेल लगातार गिरावट पर है और मंगलवार के कारोबार में ग्लोबल बाजार में 3 सालों के निचले स्तर पर आ गया. Brent Crude Price दिसंबर, 2021 के बाद पहली बार $70 के नीचे चला गया. WTI क्रूड $66 के पास था. पिछले 10 में से 8 ट्रेडिंग सेशन में कच्चे तेल में कमजोरी दर्ज की गई है. अगर कच्चे तेल की चाल पर नजर डालें तो ये इस महीने 17% गिरा है, 1 महीने पहले इसकी कीमत 80 डॉलर के स्तर पर थी. इस साल अब तक क्रूड 25% टूट चुका है, 1 साल पहले इसकी कीमत 88 डॉलर के करीब चल रही थी.

Crude में गिरावट का असर- निगेटिव

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क्रूड में गिरावट ऑयल और गैस कंपनियों जैसे ONGC, Oil India, RIL, GAIL के लिए बुरी खबर है. क्रूड में $1 बदलाव से उत्पादकों के EPS में करीब 3% का बदलाव होता है. क्रूड में गिरावट के चलते गैस की कीमत भी गिरावट होती है. $1 तेल/ गैस के दाम में बदलाव से ONGC की आय में 3,000 से 4,000 करोड़ का अंतर पड़ता है. वहीं, ऑयल इंडिया की आय में करीब 500 करोड़ का अंतर पड़ता है.

Crude में गिरावट का असर- पॉजिटिव

कच्चे तेल में गिरावट कुछ सेक्टर की कंपनियों के लिए अच्छी खबर है. Auto, Aviation, OMCs , Ceramics Company, Power company , Paint Company, Plastic companies को इसका फायदा होता है. क्रूड में गिरावट से पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट की उम्मीद बढ़ती है. कई कंपनियों के लिए कच्चे माल की कीमतों में गिरावट आती है. दाम में गिरावट का असर भारत की इकोनॉमी पर होता है. भारत 80% कच्चा तेल इंपोर्ट करता है. भारत के कुल इंपोर्ट बिल में 20% हिस्सा कच्चे तेल का है. $1 की बदलाव के चलते GDP पर 0.05 से 0.06 % का असर पड़ता है और रुपए पर 0.3% से 0.5% का असर होता है.