15 महीने में सबसे सस्ता हुआ कच्चा तेल- BPCL, Indian Oil और HPCL में कमाई का मौका; 30% रिटर्न के लिए जानें टारगेट्स
Crude Oil का भाव 75 डॉलर के नीचे आ गया है जो 15 महीने का निचला स्तर है. एवेंडस कैपिटल ने BPCL, Indian Oil और हिंदुस्तान पेट्रोलियम में खरीद की सलाह दी है. वर्तमान स्तर से 30 फीसदी तक का रिटर्न मिलेगा.
भारत जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. इस समय ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में जो कुछ चल रहा है, उसके कारण कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर के नीचे आ गया है. यह 15 महीने के निचले स्तर पर है. सस्ता कच्चा तेल ना सिर्फ इंडियन इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज है, बल्कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को भी इससे बहुत फायदा होगा. संभव है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल भी सस्ता हो जाए. क्रूड की कीमत में आई गिरावट के बाद Avendus Capital ने तीन सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी- BPCL, Indian Oil और HPCL को लेकर रेटिंग ADD से अपग्रेड कर BUY कर दिया है.
BPCL, Indian Oil और HPCL में खरीद की सलाह
एवेंडस कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि BPCL, Indian Oil और HPCL जैसी कंपनियों को इससे बड़ा फायदा होगा. कंपनी ने सिक्वेंस के आधार पर पहले भारत पेट्रोलियम फिर इंडियन ऑयल और अंत में हिंदुस्तान पेट्रोलियम को निवेश के लिहाज से चुना है. आइए तीनों कंपनियों के लिए ब्रोकरेज के टारगेट समेत पूरी रिपोर्ट को विस्तार से समझते हैं.
BPCL के लिए टारगेट
ब्रोकरेज नेट BPCL के लिए 440 रुपए का टारगेट दिया है. दोपहर के 3 बजे भारत पेट्रोलियम का शेयर 6 फीसदी से ज्यादा मजबूती के साथ 350 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहा है. बुधवार को यह 330 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था. टारगेट प्राइस इसके मुकाबले 33 फीसदी है.
Indian Oil के लिए टारगेट
दूसरा पसंद इंडियन ऑयल है. Indian Oil के लिए 105 रुपए का टारगेट दिया गया है. इंडियन ऑयल का शेयर डेढ़ फीसदी की मजबूती के साथ 80 रुपए के स्तर पर है. बुधवार को यह 78 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था. टारगेट प्राइस इस स्तर से करीब 34 फीसदी ज्यादा है.
HPCL के लिए टारगेट
HPCL के लिए टारगेट 270 रुपए का दिया गया है. इस समय हिंदुस्तान पेट्रोलियम का शेयर करीब 6 फीसदी की मजबूती के साथ 245 रुपए के स्तर पर है. बुधवार को यह 230 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था. टारगेट प्राइस इस स्तर से 18 फीसदी ज्यादा है.
क्रूड ऑयल का प्राइस आउटलुक
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था खुल रही है, लेकिन दूसरी तरफ ग्लोबल इकोनॉमी पर बैंकिंग क्राइसिस का खतरा बढ़ रहा है. मंदी की आहट तेज हो रही है. इसके कारण कच्चा तेल आने वाले समय में 75-85 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेगा. इसका फायदा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को होगा. उनके वर्किंग कैपिटल में मजबूती आएगी. लॉन्ग टर्म में ग्रॉस रिफाइनरी मार्जिन में सुधार होगा और इन्वेन्ट्री नुकसान भी कम होगा.
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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