Crorepati Stock में लगा अपर सर्किट, कंपनी को मिला बड़ा ऑर्डर; शेयर ने 5 साल में ₹1 लाख के बना दिए ₹6 करोड़
Crorepati Stock: ऑर्डर विन के चलते Waaree Renewable Technologies के शेयरों में 5% की धुआंधार तेजी आई और इसमें अपर सर्किट हिट हो गया. ये ऐसा स्टॉक है, जिसमें अकसर गिरते बाजार में भी अच्छी तेजी दिखाई देती है.
Crorepati Stock: शेयर बाजार की गिरावट में गुरुवार (28 नवंबर) को एक स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. ऑर्डर विन के चलते Waaree Renewable Technologies के शेयरों में 5% की धुआंधार तेजी आई और इसमें अपर सर्किट हिट हो गया. ये ऐसा स्टॉक है, जिसमें अकसर गिरते बाजार में भी अच्छी तेजी दिखाई देती है. ये करोड़पति स्टॉक भी है, जो पिछले 5 सालों में ही करीब 60,000 फीसदी का दमदार रिटर्न दे चुका है.
क्यों आई Waaree Renewable Technologies के शेयरों में तेजी?
दरअसल, कंपनी को एक बड़ा ऑर्डर मिला है. कंपनी को 1233 करोड़ का सोलर PV प्रोजेक्ट आर्डर मिला है. 2012 MWp DC का प्रोजेक्ट डेवलप करने के लिए ऑर्डर है. वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज ने बुधवार को कहा कि उसे 2,012.47 मेगावाट क्षमता की सौर पीवी परियोजना स्थापित करने के लिए 1,233.47 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है.
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि यह ऑर्डर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और क्रियान्वयन में लगी एक घरेलू कंपनी ने दिया है. रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, ऑर्डर का मूल्य लगभग 12,33,47,78,778 रुपये (टैक्स को छोड़कर) है. वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड 2,012.47 मेगावाट डीसी क्षमता की सौर पीवी परियोजना विकसित करेगी.
Waaree Renewable Technologies
Waaree Renewable Technologies का शेयर का भाव 29 नवंबर 2019 रुपये 2.50 रुपये थी. उस समय आपने अगर इस शेयर में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो आपको 40,000 के करीब शेयर मिले होते. आज इस शेयर की कीमत करीब 1500 रुपये है. अगर आपने इन 5 सालों में इस स्टॉक को अपने पास रखा होता, तो इस लिहाज से आपके 1 लाख 6 करोड़ रुपये बन गए होते. शेयर की रिटर्न हिस्ट्री पर नजर डालें तो इसने इस साल अभी तक 240 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, पिछले 1 सालों में इसका रिटर्न 440% का रिटर्न मिल चुका है. पिछले 5 सालों में इसका रिटर्न 60,000% रहा है.
शेयर का 52 हफ्तों का हाई 3,037 रुपये है. इसका इस साल 15 मार्च, 2024 को स्टॉक स्प्लिट हुआ था. कंपनी का मार्केट कैप अभी 15,500 करोड़ के ऊपर है. वैसे एक बार शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर नजर डालें तो इसमें संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग बहुत ज्यादा नहीं दिखती है. FIIs की और से बेहद कम हिस्सेदारी है. वहीं DIIs नगण्य हैं. प्रमोटर्स के पास करीब 75% तक हिस्सेदारी है, वहीं, 25% शेयर पब्लिक ट्रेडिंग के लिए अवेलबेल हैं.