दलाल स्ट्रीट हुआ लाल! 4 सालों में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट; निवेशकों के ₹30 लाख करोड़ डूबे
Stock Market Crash: लोकसभा चुनाव के रुझान एग्जिट पोल के अनुरूप नहीं आने के कारण बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली और निवेशकों के एक कारोबारी सत्र में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
लोकसभा चुनाव की मतगणना के रूझान एग्जिट पोल के अनुमान से कम आने के कारण भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को भारी भरकम गिरावट आई. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 5 पर्सेंट से ज्यादा तो निफ्टी 6 पर्सेंट की गिरावट के साथ बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा. लोकसभा चुनाव के रुझान एग्जिट पोल के अनुरूप नहीं आने के कारण बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली और निवेशकों के एक कारोबारी सत्र में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
कहां कितनी आई गिरावट?
बीएसई का मुख्य सूचकांक सेंसेक्स 4,389 अंक या 5.74 प्रतिशत गिरकर 72,079 अंक और एनएसई का मुख्य सूचकांक निफ्टी 1,379 अंक या 5.93 प्रतिशत फिसलकर 21,884 अंक पर बंद हुआ. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी बिकवाली हुई है. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 4,202 अंक या 7.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,150 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 1,406 अंक या 8.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,692 अंक पर बंद हुआ है.
कौन से इंडेक्स सबसे ज्यादा टूटे?
गिरावट का सबसे ज्यादा असर सरकारी बैंकों, मेटल, एनर्जी, रियल्टी और इंफ्रा इंडेक्स में देखा गया. यह 15 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ बंद हुए हैं. एफएमसीजी इंडेक्स ही केवल हरे निशान में बंद हुआ है. इसमें करीब एक प्रतिशत की तेजी थी. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मार्केट कैप करीब 30 लाख करोड़ रुपये कम होकर 396 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो कि पहले 426 लाख करोड़ था. बाजार में उतार-चढ़ाव दिखाने वाला इंडिया विक्स 27 प्रतिशत के उछाल के साथ 26.74 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स पैक में एनटीपीसी, एसबीआई, एलएंडटी, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक और रिलायंस टॉप लूजर्स थे. एचयूएल, नेस्ले, टीसीएस, एशियन पेंट्स और सनफार्मा टॉप गेनर्स थे.
क्या कहना है मार्केट एक्सपर्ट्स का?
बाजार के जानकारों का कहना है कि बाजार को एनडीए की एकतरफा जीत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके कारण बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट, रूपक दे का कहना है कि 22,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर काफी अहम रहने वाला है. अगर गिरावट इससे ज्यादा होती है तो 21,400 से लेकर 21,500 का स्तर भी देखने को मिल सकता है. बड़ी रिकवरी की संभावना तभी है, जब बीजेपी चुनाव आराम से जीत जाए.