Stock Markets Crash: भारतीय शेयर बाजारों में अक्टूबर सीरीज में रिकॉर्डतोड़ बिकवाली देखने के बाद नवंबर सीरीज की शुरुआत भी बड़े गिरावट के साथ हुई है. सेंसेक्स-निफ्टी में आज धड़ाधड़ गिरावट आई. अक्टूबर में FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की ओर से ताबड़तोड़ बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों के चलते बाजार लगातार गिरे थे. हालांकि, पिछले हफ्ते बाजार में थोड़ा कंसॉलिडेशन दिखा. आज सोमवार (4 नवंबर) को नवंबर सीरीज का आधिकारिक तौर पर पहला कारोबारी सत्र है, लेकिन बाजार इन्हीं ट्रिगर्स के चलते बड़ा Selloff देख रहे हैं. यूं तो ओपनिंग हल्की गिरावट पर हुई थी, लेकिन इसके बाद सेंसेक्स निफ्टी के साथ मिडकैप-स्मॉलकैप इंडेक्स भी बड़े नुकसान के साथ फिसल गए. 

कितना गिरे बाजार?

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सेंसेक्स आज 1500 अंकों तक गिरा वहीं, निफ्टी में करीब 500 अंकों की गिरावट आई. मिडकैप इंडेक्स भी 800 अंकों तक गिर गया था. बैंक निफ्टी भी 600 अंक गिर गया था. सेंसेक्स में भारी गिरावट से निवेशकों को बड़ा नुकसान सोमवार सुबह के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति में 7.37 लाख करोड़ रुपये की कमी आई. प्रमुख कंपनियों जैसे Reliance Industries, Infosys जैसे शेयरों में बिकवाली और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बाजार को नीचे की ओर धकेल दिया. BSE पर लिस्टे़ड कंपनियों की मार्केट कैप में गिरावट से लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7,37,744.54 करोड़ रुपये घटकर 4,40,72,863.01 करोड़ रुपये (5.24 ट्रिलियन डॉलर) रह गया.

क्यों गिरे बाजार?

1. अमेरिकी चुनाव

अमेरिकी चुनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve Bank) की ओर से ब्याज दरों में घोषणा के पहले बाजार सतर्क हैं. 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और इस सप्ताह फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की घोषणा के चलते निवेशकों ने सतर्कता बरती है. इन महत्वपूर्ण घटनाओं के पहले बाजार में निवेशकों का आत्मविश्वास कमजोर हुआ है और बिकवाली का माहौल बना है.

2. चीन के बाजार

चीन में इस हफ्ते इकोनॉमिक पैकेज पर और फैसले आ सकते हैं, जिसमें भारतीय बाजारों के लिए बुरी खबर हो सकती है. चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमिटी इस हफ्ते फैसला लेगी कि आगे इकोनॉमी के लिए और स्टिमुलस पैकेज को मंजूरी देनी है या नहीं. अगर कोई पैकेज आता है, तो FIIs की बिकवाली बढ़ सकती है, जिससे बाजार और नीचे जा सकते हैं.

3. FIIs की बिकवाली

विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में रिकॉर्ड बिकवाली की. अक्टूबर माह में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से लगभग 94,000 करोड़ रुपये (11.2 बिलियन डॉलर) निकाले, जो अब तक का सबसे बड़ा आउटफ्लो है. भारतीय बाजार के हाई वैल्यूएशन और और चीनी बाजार के आकर्षक वैल्यूएशन ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार से दूर किया है. 1 नवंबर को मुहूर्त ट्रेडिंग पर FIIs ने 211 करोड़ की बिकवाली की थी, वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उस दिन 377 करोड़ की खरीदारी की थी.

4. बाजार में रैली की संभावना नहीं

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ दिनों में दुनियाभर के बाजार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर ही फोकस रखेंगे और चुनावों के आउटकम को देखते हुए बाजार में नियर टर्म वॉलेटिलिटी रहेगी. हालांकि, ये बहुत कम वक्त के लिए हो सकता है क्योंकि अमेरिका में ग्रोथ, महंगाई और फेड के एक्शन की बाजार के लिए बड़ा ट्रेंड रहेंगे. उन्होंने कहा कि FIIs की ओर से बिकवाली जारी रह सकती है क्योंकि कमाई के लिए अभी मुश्किल स्थितियां दिख रही हैं, जिससे कि बाजार में फिलहाल कोई रैली नहीं दिखाई देगी.

5.  Nifty 50 Technicals

जियोजित फाइनेंशियल सर्विस के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, "पिछले हफ्ते कई बार 24,150 का स्तर टूटने से बचा, लेकिन इसके बाद जो थोड़ी बहुत बढ़त हुई, उसमें दम नहीं दिखा. इसका कारण यह है कि 24,470-24,540 का रेंज पिछले हफ्ते निफ्टी की बढ़त को रोकता रहा और इसके करीब ही 24,660-24,770 के लेवल भी बड़ा रेजिस्टेंट लेवल है."

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस हफ्ते निफ्टी इन स्तरों को पार करने की कोशिश करेगा, लेकिन अगर बाजार में पूरी तरह से खरीदारी का रुझान तभी लौटेगा जब निफ्टी को 25,100 के ऊपर लगातार कुछ दिनों तक टिके रहेगा. ऐसा न होने तक, बाजार में "Sell on Rally" का रुझान जारी रह सकता है. इसके उलट, अगर निफ्टी 24,470 के ऊपर नहीं टिक पाता है या सीधे 24,150 के नीचे गिर जाता है, तो निफ्टी 23,900-23,300 के स्तर तक गिर सकता है.