शेयर मार्केट में अभी-अभी एंट्री की है, तो इन बेसिक शब्दों का मतलब जान लें, जो मार्केट में रोज बोले जाते हैं…
शेयर बाजार की मंदी, तेजी और तमाम गतिविधियों के लिए अलग शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप शेयर बाजार में नए-नए निवेशक बने हैं तो आपको शेयर मार्केट में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ बेसिक शब्दों के बारे में जरूर जानना चाहिए.
पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट में लोगों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है. खासकर कोरोना काल के बाद तमाम डीमेट अकाउंट खोले गए हैं और शेयर मार्केट में नए निवेशक बढ़े हैं. अगर आप भी शेयर मार्केट में इंट्रेस्टेड हैं और इसमें पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार में अधिकतर इस्तेमाल होने वाले कुछ शब्दों को अच्छी तरह से समझना होगा. शेयर बाजार की मंदी, तेजी और तमाम गतिविधियों के लिए अलग शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. यहां जानिए ऐसे ही कुछ बेसिक शब्दों का मतलब.
शेयर की फेस वैल्यू
किसी भी स्टॉक की शुरुआती कीमत के लिए फेस वैल्यू शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. शेयर की फेस वैल्यू कंपनी तय करती है. फेस वैल्यू को ही आधार बनाकर डिविडेंड देने या स्टॉक स्प्लिट किया जाता है.
52 हफ्तों का हाई/लो
किसी स्टॉक के भाव जब पिछले 52 हफ्तों में सबसे ऊंची कीमत होते हैं तो इसके लिए 52 हफ्ते हाई शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं 52 हफ्तों में स्टॉक की सबसे निचली यानी कम कीमत को 52 हफ्ते का लो कहा जाता है. ये दोनों टर्म्स इसलिए जरूरी हैं क्योंकि इन दोनों की मदद से किसी शेयर की कीमत का दायरा पता चलता है.
ट्रेंड
इस शब्द को भी आपको अच्छे से समझ लेना चाहिए क्योंकि शेयर मार्केट में इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ये बाजार की दिशा की ओर इशारा करता है. अगर बाजार तेजी से नीचे जा रहा है तो कहा जाता है कि बाजार में गिरावट का ट्रेंड है. वहीं अगर बाजार न नीचे जाए और न ही ऊपर जाए, तो इसे साइडवेज ट्रेंड कहा जाता है.
बुल मार्केट और बेयर मार्केट
जब बाजार एक निश्चित समय में बहुत तेजी से ऊपर की ओर बढ़ता है तो इसे बुल मार्केट कहा जाता है. इसमें शेयर के रेट्स भी बढ़ते हैं. लेकिन जब बाजार तेजी से नीचे की ओर आता है तो कहा जाता है कि बाजार बेयर मार्केट में है.
स्टॉक मार्केट क्रैश
जब शेयर बाजार के ज्यादातर शेयर एक साथ बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा गिर जाते है, उस स्थिति को स्टॉक मार्केट क्रैश कहा जाता है. ये स्टॉक मार्केट में आयी मंदी है. ऐसे में ज्यादातर लोग शेयर ज्यादा गिरने के डर से इसे फटाफट बेचने लगते हैं.