Market Outlook: फेड रेट में बढ़ोतरी, महंगाई और मंदी की चिंता शेयर बाजार में दबाव देखने को मिल रहा है. पिछली दिवाली से अभी तक बीएसई सेंसेक्स 3% से ज्यादा गिरा है. जबकि निफ्टी में 2.89% की गिरावट आई है. ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी से बातचीत में ICICI प्रूडेंशियल AMC के ED और CIO एस नरेन ने कहा, बाजार पर लॉन्ग टर्म में पॉजिटिव है लेकिन शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव रहेगा. उन्होंने कहा, महंगाई में भारत की स्थिति इमर्जिंग और विकसित देशों से बेहतर है.

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एस नरेन ने कहा, बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. ब्याज दरें बढ़ती जा रही हैं. महंगाई चिंताजनक है. महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाए जाने से ग्लोबल मार्केट वॉलेटाइल रहेगा. भारतीय अर्थव्यवस्था, माइक्रो अच्छी तरह से मैनेज करने की वजह से भारतीय बाजार का वॉलेटिलिटी कम है लेकिन भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. क्योंकि कच्चे तेल (Crude Oil) का भाव ऊपर जा रहा है. जब तक अमेरिकी महंगाई कंट्रोल में न आ जाए, हमारी मुश्किलें बनी रहेंगी.

ग्लोबल मंदी और ऊंची महंगाई दर का खतरा

ग्लोबल मंदी का डर खास अमेरिका और यूरोप मंदी में जा सकता है.  ऐसे में इसका भारतीय बाजार पर क्या असर होगा? उन्होंने कहा, यूरोप और अमेरिका में मंदी आने की संभावना है. भारत की आर्थिक संभावनाओं पर भरोसा है. बाजार के वैल्युएशंस लॉन्ग टर्म एवरेज के ऊपर है. ओवरऑल वैल्युएशंस न्यूट्रल जोन में है. उन्होंने कहा, US फेड के सख्त रुख से डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी है. ग्लोबल मंदी और ऊंची महंगाई दर का खतरा है.

अपनाएं ये स्ट्रैटेजी

उतार-चढ़ाव से बचने के लिए फ्लेक्सिबल स्कीमें चुनें. अलग-अलग एसेट क्लास और थीम वाली स्कीमें चुनें. 3 से 5 साल के नजरिये से बाजार में निवेश करें. हमारा मानना है कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना चाहिए. डेट म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकते हैं. फ्लोटिंग रेट जैसे फंड में निवेश करें.

 

कंपनियों के दमदार नतीजे, लोगों के पास भरपूर कैश. क्रेडिट ग्रोथ मजबूत है और औसत से ऊपर है. क्षमता इस्तेमाल लॉन्ग टर्म औसत के करीब है. क्षमता इस्तेमाल विस्तार के शुरुआती दौर में है.