Stock Market 2022: साल 2022 में दुनिया भर में महंगाई (Inflation) को लेकर चिंता गहराने और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताओं के बावजूद घरेलू शेयर बाजारों का प्रदर्शन अच्छा रहा और निवेशकों की पूंजी 16.38 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई. एक्सपर्ट्स ने इस अच्छे प्रदर्शन के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के बेहतर मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स, रिटेल निवेशकों के भरोसे और विदेशी निवेशकों के फिर से खरीदारी करने जैसे कारकों को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि इन वजहों से ही भारतीय बाजारों ने वर्ष 2022 में दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन दिखाया है.

ऑलटाइम हाई पर पहुंचा सेंसेक्स

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

साल के शुरुआत में बाजारों को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने का तगड़ा आघात लगा. जब रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला बोला तो बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 2,702.15 अंकों की भारी गिरावट के साथ धराशायी हो गया था. हालांकि उसके बाद के महीनों में सेंसेक्स ने अपनी खोई जमीन को फिर से पा लिया और तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद साल का समापन 2,586.92 अंक यानी 4.44% की बढ़त के साथ किया. इस साल में सेंसेक्स ने अपना ऑलटाइम स्तर भी हासिल किया जब 1 दिसंबर को इंडेक्स 63,583.07 अंक पर पहुंच गया. हालांकि इसी साल 17 जून को सेंसेक्स 50,921.22 अंक के निचले स्तर पर भी गिरा था.

ये भी पढ़ें- Post Office की इस स्कीम में निवेश करने वालों की लगी लॉटरी, अब 3 महीने पहले डबल होगा पैसा, ₹1000 से करें शुरुआत

निवेशकों की दौलत 16.38 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

अमेरिका स्थित हेज फंड हेडोनोवा के सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा, वर्ष 2022 में भारतीय शेयर बाजारों ने तमाम चुनौतियों और विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी के बावजूद बढ़त दर्ज की है. इसमें घरेलू संस्थागत निवेशकों और जुझारू आर्थिक बुनियादी पहलुओं का अहम समर्थन मिला है. हालांकि कुछ सेक्टर्स का प्रदर्शन बेहतर रहा है जबकि कुछ क्षेत्र पीछे रह गए हैं.

इन सकारात्मक बिंदुओं का ही असर रहा है कि इस साल बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16,38,036.38 करोड़ रुपये बढ़कर 2,82,38,247.93 करोड़ रुपये हो गया. इस साल 5 दिसंबर को तो इन कंपनियों का मार्केट वैल्युएशन 290.46 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.

ये भी पढ़ें- 2023 में इन 9 स्टॉक्स में बनेगा मोटा पैसा, फोकस में रहेंगे ये 6 गोल्डन थीम, चेक करें टारगेट

रिटेल इन्वेस्टर्स और FII का भरोसा बढ़ा

स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों के मुकाबले भारत की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति कहीं बेहतर थी. इसका नतीजा भारतीय इक्विटी बाजारों के बेहतर प्रदर्शन के रूप में निकला है. खुदरा निवेशकों ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपना पूरा भरोसा दिखाया है. यहां तक कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी साल के दूसरे हिस्से में फिर से निवेश करना शुरू कर दिया.

साल के 12 महीनों में से 5 महीने सेंसेक्स मासिक बढ़त के साथ बंद हुआ जबकि सात महीनों में इसे मासिक स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा. जुलाई सबसे ज्यादा फायदेमंद महीना साबित हुआ जिसमें सेंसेक्स ने 4,662.32 अंक यानी 8.81% की बढ़त दर्ज की.

ये भी पढ़ें- नए साल में इंटरनेशनल फंड आपके पोर्टफोलियो को दे सकते हैं मजबूती, जानिए इसमें निवेश के फायदे

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी की हुई लिस्टिंग

एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) के एमडी एंड सीईओ धीरज रेली ने कहा कि भारतीय बाजारों को चुनौतियों के बावजूद महंगाई के बेहतर प्रबंधन और कंपनियों की आय बढ़ने जैसे पहलुओं का भी फायदा मिला है. इस साल शेयर बाजार में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) भी लिस्ट हुई. फिलहाल एलआईसी का मार्केट कैप 4,33,009.34 करोड़ रुपये है. साल के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 17,23,979.45 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ देश की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी रही. वर्ष 2021 में सेंसेक्स ने 21.99% की जबरदस्त छलांग लगाई थी और निवेशकों की पूंजी में 78 लाख करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.

नए साल की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, दिसंबर में नुकसान में रहने के बाद शेयर बाजार नए साल की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ करना चाहेंगे. तीसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजे और 1 फरवरी को आने वाला बजट बाजारों के लिए तेजी का नया झोंका हो सकता है.

ये भी पढ़ें- कृषि मशीन बैंक बनाने के लिए सरकार देगी 8 लाख रुपये, 31 जनवरी 2023 तक उठा सकते हैं फायदा, जानिए डीटेल्स

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

मखाने की खेती से लाखों कमाने का मौका, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानिए सभी जरूरी बातें

(भाषा)