राहत की खबर! FII की लगातार बिकवाली का दौर थमा, निफ्टी में धीरे-धीरे जारी रहेगी तेजी
FII: भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के कारण एफआईआई की लगातार बिकवाली का दौर थमा है. नवंबर में लगातार बिकवाली के दबाव के बाद यह राहत की बात है.
FII: भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार (6 दिसंबर) को आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी (RBI MPC) की रेपो रेट और सीआरआर रेट्स पर फैसले की घोषणा के बाद सपाट बंद हुआ. इस हफ्ते शेयर बाजार में अच्छी रिकवरी देखने को मिली. निफ्टी में 3.2% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 3.5% और 3.3% की बढ़ोतरी हुई. भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के कारण एफआईआई की लगातार बिकवाली का दौर थमा है. फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए खरीदार का रुख अपनाया है. नवंबर में लगातार बिकवाली के दबाव के बाद यह राहत की बात है.
FII की बिकवाली का दौरा खत्म
बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद मजबूती बनी हुई है, जिससे एफआईआई (FII) की लगातार बिकवाली का दौर खत्म हो गया है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने (6 दिसंबर तक) FII ने 24,453 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसमें अलग-अलग एक्सचेंज से इक्विटी में 17,921 करोड़ रुपये और प्राइमरी मार्केट के जरिए बाकी निवेश शामिल है.
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बाजार के जानकारों ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में एफआईआई के खरीदार बनने से बाजार की धारणा बदल गई है. पिछले दो महीनों के दौरान एफआईआई ने लगातार बिकवाली की रणनीति को पूरी तरह से पलट दिया है. अक्टूबर में अलग-अलग एक्सचेंज के जरिए FII ने 1,13,858 करोड़ रुपये की कुल बिकवाली की थी. नवंबर में यह राशि घटकर 39,315 करोड़ रुपये रह गई.
निफ्टी में धीरे-धीरे तेजी जारी रहेगी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, FII ने दिसंबर की शुरुआत सकारात्मक तरीके से की है, जिससे बाजार की धारणा को काफी बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा, अगले हफ्ते, हमें उम्मीद है कि निफ्टी में धीरे-धीरे तेजी जारी रहेगी, जो आरबीआई (RBI) द्वारा सीआरआर (CRR) में कटौती के बाद लिक्विडिटी में बढ़ोतरी, सरकारी नीतियों के बारे में सकारात्मक समाचारों और एफआईआई प्रवाह की वापसी से प्रेरित है.
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एफआईआई (FII) रणनीति में बदलाव स्टॉक प्राइस मूवमेंट विशेष रूप से लार्ज-कैप बैंकिंग स्टॉक में नजर आ रहा है, जिनमें एफआईआई विक्रेता रहे हैं. जानकारों ने कहा कि इस सेगमेंट में आगे बढ़ने की गुंजाइश है क्योंकि यह उचित मूल्य पर है और उचित गति से बढ़ रहा है. एफआईआई ने धीमी वापसी का संकेत दिया है. अक्टूबर और नवंबर में देखे गए लगातार बिकवाली के दबाव के बाद यह एक बड़ी राहत है. भारी एफआईआई बिकवाली के बावजूद, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के प्रवाह ने पिछले दो महीनों में बाजार को बचाए रखा.
8 हफ्ते में पहली बार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा
इस बीच, आठ हफ्ते में पहली बार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली 1.51 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई और 29 नवंबर को (आखिरी हफ्ते) ये 658.091 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. RBI के वीकली आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को समाप्त हफ्ते के लिए विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.061 बिलियन डॉलर से बढ़कर 568.852 बिलियन डॉलर हो गई.