बाजार को फ्रेश पॉजिटिव ट्रिगर का इंतजार, न मिलने पर बढ़ेगी अस्थिरता, इन फैक्टर्स पर रहेंगी निवेशकों की नजर
ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते हफ्ते की शुरूआत तेज गिरावट के साथ हुई थी. लेकिन बाद में केविड 19 की चिंता कम होने और सेंट्रल बैंक आरबीआई की फेवरेबल पॉलिसी के चलते बाजार में शार्प रिकवरी देखने को मिली.
Stock Market Outlook: बाजार के लिए इस हफ्ते की शुरूआत वोलैटिलिटी के साथ हुई, हालांकि बाजार हफ्ते के अंत में रिकवर होकर बंद हुआ. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते हफ्ते की शुरूआत तेज गिरावट के साथ हुई थी, लेकिन बाद में केविड 19 की चिंता कम हेने और सेंट्रल बैंक आरबीआई की फेवरेबल पॉलिसी के चलते बाजार में शार्प रिकवरी देखने को मिली. अगले हफ्ते दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी आनी है, जिन पर बाजार की नजरें रहेंगी. एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार को अब फ्रेश और पॉजिटिव ट्रिगर का इंतजार है, जिसके न मिलने पर यह कंसोलिडेशन के मोड में रहने वाला है. पॉजिटिव ट्रिगर के न मिलने पर स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन ही देखने को मिलेगा.
दुनिया भर के बाजारों में अस्थिरता
Religare Broking के VP Research अजीत मिश्रा का कहना है कि हालांकि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर बाजार का डर कुछ कम हुआ है लेकिन अभी भी दुनिया भर के बाजारों में अस्थिरता दिख रही है. यह ट्रेंड अगले हफ्ते भी जारी रहने की आशंका है. आगे रिकवरी अनइवेन रहेगी, इसलिए पॉजिटिव लेकिन सतर्क रुख रखने की सलाह है. इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी को 17600 और 17800 के लेवल के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा, जबकि नीचे की ओर 17300-17150 के लेवल पर सपोर्ट है. हर सेक्टर में मिक्स ट्रेंड रहने की उम्मीद है, इसलिए स्टॅक सेलेक्शन पर खस फोकस रहना चाहिए.
बॉय आन डिप स्ट्रैटेजी
मोतीलाल ओसवाल के रिटेल रिसर्च हेड, सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि आने वाले हफ्ते बाजार को किसी फ्रेश और पॉजिटिव ट्रिगर का इंतजार रहेगा. ऐसा न होने पर बाजार अगले हफ्ते भी कंसोलिडेशन के मूड में रह सकता है. इस दौरान स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिलेगा. निवेशकों को सलाह है कि बॉय आन डिप स्ट्रैटेजी अपनाएं, लेकिन क्वालिटी स्टॉक पर ही नजर रखें.
कैसी रहेगी बाजार की चाल
Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि इस हफ्ते कारोबार में निफ्टी 2 बार 16900 के लेवल के नीचे गया, लेकिन हफ्ते के अंत में इस लेवल के पार बंद होने में कामयाब रहा है. निफ्टी ने इस लेवल के आस पास डबल बॉटम फॉर्मेशन बनाया है. निफ्टी के लिए अब 17500-17615 क्रिटिकल रेजिस्टेंस जोन है. अगर कारोबार में यह लेवल ब्रेक होता है तो निफ्टी 17750-17950 के लेवल तक कमजबूत हो सकता है जो अगला रेजिस्टेंस जोन होगा. वहीं यह लेवल भी ब्रेक हो जाता है तो बुल्स फुल कॉन्फिडेंस में होंगे बियर्स बैकफुट पर. नीचे की ओर निफ्टी के लिए 17300-17250 का लेवल सपोर्ट है, जिसके ब्रेक होने पर सेलिंग प्रेशर बढ़ेगा और इंडेक्स 17000-16900 के लेवल तक कमजोर हो सकता है.
बैंक निफ्टी पर व्यू
संतोष मीना का कहना है कि बैंक निफ्टी की बात करें तो इंडेक्स में इसके 200-DMA से स्मार्ट पुलबैक देखने को मिला है. यह अभी अपने महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस जोन 37300-37500 के आस पास बना हुआ है. इंडेक्स इसके पार जाता है तो इसमें शॉर्ट कवरिंग देखने को मिल सकती है और यह 38000-38250 के लेवल तक मजबूत हो सकता है. वहीं नीचे की ओर बैंक निफ्टी को 36800-36500 के लेवल पर सपोर्ट है, जिसके ब्रेक होने पर यह 36000 के लेवल तक कमजोर हो सकता है.
इस हफ्ते किन फैक्टर्स पर नजर
ग्लोबली सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पालिसी पर बाजार की नजर रहेगी. अगले हफ्ते US फेड का निर्णय सबसे अहम होगा, जो 15 दिसंबर को आना है. इसके अलावा अगले हफ्ते यूरोपीयन सेंट्रल बैंक, बैंक आफ इंग्लैंड, स्विस नेशनल बैंक और बैंक आफ जापान भी अपनी मॅनेटरी पॉलिसी लाएंगे. हाल ही में घोषित यूएस इनफ्लेशन नंबर्स उम्मीदों के अनुरूप है और यह उतना बुरा नहीं था जितना कि डर था. इसलिए बाजार यूएस फेड से किसी भी निगेटिव सरप्राइज की उम्मीद नहीं कर रहा है.
बाजार पर ओमिक्रॉन वेरिएंट का इंपैक्ट कुछ कम हुआ है. लेकिन इससे जुड़ा कोई भी डेवलपमेंट अस्थिरता का कारण बन सकता है. डॉलर इंडेक्स और 10 साल के यूएस बॉन्ड यील्ड में बहुत क्लीयर ट्रेंड नहीं है. वहीं घरेलू बाजार की नजर FIIs के रुख पर भी रहेगी, जो लगातार बिकवाली कर रहे हैं. पिछले हफ्ते, उन्होंने 9200 करोड़ रुपये की बिकवाली की. हालांकि बाजार को DIIs से लगतार सपोर्ट मिल रहा है, जिन्होंने कैश मार्केट में इस हफ्ते 7200 करोड़ रुपये की खरीदारी की.