बाजार चाहे वह शेयर बाजार (Share Market) हो या फिर वायदा, सभी जगह रिस्क साथ-साथ चलते हैं. यहां निवेशकों को मुनाफा होता है तो कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है. बाजार से रिटर्न को लेकर किसी भी तरह की गारंटी नहीं ली जा सकती है. इसलिए अगर आप बाजार के रिस्क से अच्छी तरह वाकिफ हैं और रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, तभी मार्केट में निवेश (investment) करना चाहिए. क्योंकि यहां सदैव मुनाफे का ही कारोबार नहीं होता है.

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चीन की मार्बल माइनिंग कंपनी का उदाहरण सभी के सामने हैं. हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिड मार्बल माइनिंग कंपनी ArtGo Holdings Limited का शेयर एक दिन पहले तक दुनिया का सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाला शेयर था, लेकिन 21 नवंबर को अचानक यह शेयर ऐसा लुढ़का कि एक ही झटके में निवेशकों का 5.7 अरब डॉलर डूब गए. कंपनी का शेयर एक ही दिन में 14.80 हांगकांग डॉलर (Hong Kong Dollar) से गिरकर 0.30 डॉलर पर आ गया.

मुनाफा और रिस्क साथ-साथ

इसलिए शेयर मार्केट (Share Market) में मुनाफा और रिस्क (Risk), दोनों कदमताल करते हुए चलते हैं. लेकिन इसके बाद भी बाजार तमाम भ्रमाक और लुभावनी स्कीमों से अटा पड़ा है जो न केवल ज्यादा रिटर्न दिलाने की बात कहती हैं, बल्कि गारंटी भी लेती हैं.

हालांकि समय-समय पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अलर्ट जारी कर इस तरह की लुभावनी और गारंटी वाली स्कीमों से बचने की सलाह देता रहता है, ताकि भोले-भाले निवेशक इनके झूठे जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई न डूबा बैठें. यह भी देखने में आया है कि इक्विटी फंड में जोखिम की वजह से निवेश नहीं करने वाले लोग इस तरह की स्कीमों के जाल में फंस कर पैसे लगा देते हैं. 

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भी अपने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीमों से बचकर रहने की सलाह देते रहते हैं.

NSE ने बार फिर अलर्ट जारी कर निवेशकों को पौंजी स्कीमों से सावधान रहने की सलाह दी है-

- ऊंचे रिटर्न की गारंटी देने वाली स्कीमों सावधान रहें. अविश्वसनीय रिटर्न वाली स्कीमों से हमेशा दूर रहें.  

- सरकारी स्कीमों को छोड़कर कोई भी कंपनी एक तय रिटर्न की गारंटी नहीं दे सकती है.

- इक्विटी और डेरिवेटिव बाजार में गारंटी रिटर्न दिलवाने वाले किसी भी लिखित या मौखिक वादे पर कभी भरोसा न करें.

- जिस भी प्रोडेक्ट में निवेश करो, उसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए.

- किसी भी ऐसी कंपनी की स्कीम में निवेश ने करें जो SEBI में रजिस्टर्ड न हो.

- स्टॉक ब्रोकर को कभी भी नकद में भुगतान न करें.

- फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग में रिस्क साथ-साथ चलते हैं.

- इसलिए तभी निवेश करें जब आपको प्रोडेक्ट और उसके रिस्क की पूरी जानकारी हो.