शेयर बाजार में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गया है. पहली बार SIP का इनफ्लो 13 हजार करोड़ रुपए का पार पहुंच गया है. साथ ही म्यूचुअल फंड्स (MFs) में 3 करोड़ से ज्यादा नए फोलियो खुल गए हैं. ऐसे में जानने वाली बात यह है कि क्या विदेशी निवेशक यानी FPI का बाजार पर भरोसा बढ़ा हैं? अगर FPIs का भरोसा बढ़ा है तो किन शेयरों पर? 

अक्टूबर में रिकॉर्ड SIP इनफ्लो

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ज़ी बिजनेस के रिसर्च एनलिस्ट कुशल गुप्ता ने इस पर कुछ खास जानकारी इकट्ठा की है. उन्होंने बताया कि अक्टूबर महीने में म्यूचुअल फंड्स AUM में SIP का परसेंट के लिहाज से हिस्सा सालाना आधार पर 14.8 फीसदी से बढ़कर 16.8 फीसदी हो गया है. साथ ही अक्टूबर में कुल SIP इनफ्लो पहली बार 13 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. बता दें कि पिछले 4 महीने से लगातार SIP इनफ्लो का आंकड़ा 12 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच रहा है.

बाजार में बढ़ रही रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी

सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में नेट SIP इनफ्लो 17 फीसदी बढ़कर 7500 करोड़ रुपए हो गया. AUM के आंकड़ों में भी उछाल दर्ज किया गया है. SIP AUM नवंबर 2021 से नवंबर 2022 में 22 फीसदी बढ़ा है. SIP AUM अब लगभग 6.6 लाख करोड़ रुपए के पास पहुंच गया है. यह बाजार में रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को दर्शा रहा है. FY23 के पहले 5 महीनों में 70 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुले.

नवंबर में भी इनफ्लो जारी

रिसर्च के मुताबिक FY22 में म्यूचुअल फंड में 3 करोड़ से भी ज्यादा नए फोलियो खुले. फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट यानी FPIs की बात करें तो यहां भी शानदार निवेश के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं. 18 नवंबर तक के आंकड़ों को देखें तो FPIs ने 30385 करोड़ रुपए का निवेशक किया है. नवंबर में ही FPIs की काफी अच्छी हिस्सेदारी रही है. FY23 का यह दूसरा सबसे उच्चतम मासिक निवेश है. 

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आने वाले दिनों में भी निवेश बढ़ेगा

FPIs ने सबसे ज्यादा टेलीकॉम, IT और ऑटो शेयरों में पैसा डाला है. उम्मीद है कि अगले 6 से 12 महीनों में 1.64 लाख करोड़ रुपए का निवेश और आ सकता है. हालांकि, FY22 में FPIs ने 1.40 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की थी.