बीते हफ्ते चांदी में 4600 रुपए से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के बाद MCX पर चांदी 68085 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई. चांदी की कीमत में बीते कई हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है. 5 मई को चांदी का भाव 78 हजार रुपए के पार कर गया था. उसके बाद 7 हफ्तों में यह करीब 10 हजार रुपए घट चुकी है. इस समय यह तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. चांदी ने 2022 में गजब का प्रदर्शन किया था. कुछ महीने पहले की बात है जब माना जा रहा था कि चांदी 1 लाख तक पहुंचेगी. ऐसे में इतना बड़ा करेक्शन क्या संकेत दे रहा है. क्या चांदी की कीमत में और गिरावट आएगी या फिर निवेशकों के लिए यह सही मौका है?

इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी का कीमत पर असर

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चांदी के आउटलुक को लेकर IBJA के प्रेसिडेंट पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि फेडरल रिजर्व ने कहा कि वह दो बार और इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकता है. इसके अलावा बैंक ऑफ इंग्लैंड और यूरोपियन सेंट्रल बैंक का अग्रेसिव रुख भी कायम है. इसका असर 2023 की तीसरी और चौथी तिमाही में और देखने को मिल सकता है. कीमत में और करेक्शन संभव है. हालांकि, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है. निवेशक सेंट्रल बैंकों के एक्शन पर नजर रखें और जल्दबाजी में निवेश करने से जरूर बचें.

लॉन्ग टर्म के लिए चांदी का आउटलुक पॉजिटिव

ऑगमोंट गोल्ड की रिसर्चर रेनिशा चेनानी ने कहा कि चीन से इंडस्ट्रियल डिमांड कमजोर है. इसके अलावा दुनियाभर के सेंट्रल बैंक इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं. ऐसे में कीमत में और करेक्शन की संभावना है. हालांकि, लॉन्ग टर्म के लिए चांदी का आउटलुक अभी भी पॉजिटिव बना हुआ है. 2023 के ओवरऑल आउटलुक की बात करें तो चीन में ज्वैलरी की मांग इस साल 10 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.

अगले हफ्ते चांदी के लिए सपोर्ट

IIFL सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट अनुज गुप्ता ने कहा कि  बहुमूल्य धातुओं की कीमत पर दबाव के तमाम कारण हैं. हालांकि, निचले स्तरों पर फिजिकल डिमांड देखी जा रही है जिससे कीमत को सपोर्ट मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते MCX पर चांदी का सपोर्ट 66500/65000 रुपए के स्तर पर है, जबकि 70500/72000 रुपए के स्तर पर अवरोध बना रहेगा.

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