2 दिन में डूब गए 2 बैंक- Silicon Valley Bank के बाद अब अमेरिका का एक और बैंक हुआ दिवालिया, जानें डीटेल्स
Silicon Valley Bank Crisis: अमेरिका का सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) भी दिवालिया हो गया है. बीते 2 दिनों में अमेरिका में 2 बैंक बंद हो गए हैं और इसके बाद भी अमेरिका के बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है.
Silicon Valley Bank Crisis: अमेरिका में पिछले 2 दिनों में 2 बैंक डूब गए हैं. सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद अब अमेरिका का सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) भी दिवालिया हो गया है. बीते 2 दिनों में अमेरिका में 2 बैंक बंद हो गए हैं और इसके बाद भी अमेरिका के बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है. हालांकि अमेरिकी सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया है कि डिपॉजिटर्स का पैसा सुरक्षित है और वो अपना पैसा निकाल पाएंगे. लेकिन सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) और सिग्नेचर बैंक के साथ ऐसा क्या हुआ और ये दोनों बैंक कैसे बंद हुए, इस पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपना एनालिसिस किया है.
US रेगुलेटर्स ने SVB का कंट्रोल अपने हाथ में लिया
अनिल सिंघवी ने बताया कि सिलिकॉन वैली बैंक का कारोबार अमेरिका में स्टार्टअप्स के लिए है. ये बैंक स्टार्टअप कंपनियों से डिपॉजिट भी लेता है और उन्हें लोन भी देता है. अनिल सिंघवी ने बताया कि ये बैंक अमेरिका समेत अलग-अलग देशों के स्टार्टअप्स के बीच काफी पॉपुलर है.
कैसे डूबा सिलिकॉन वैली बैंक?
बता दें कि पिछले 5 साल से ये बैंक बेस्ट बैंक का अवॉर्ड जीत रहा था. लेकिन पिछले 1 साल में ऐसा क्या हुआ कि ये बैंक दिवालिया घोषित हो गया. दरअसल, ये बैंक स्टार्टअप्स से डिपॉजिट लेता है और उन्हें या तो जरूरतमंद स्टार्टअप को लोन के तौर पर देता है या फिर उसे निवेश करता है. SVB बैंक ने ये पैसा अमेरिका के बॉन्ड में निवेश किया. अब फेडरल बैंक की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने के बाद बॉन्ड में गिरावट देखने को मिली.
मंदी के बीच स्टार्टअप ने निकाला पैसा
ऐसे में जब अमेरिका में मंदी की आहट हुई तो स्टार्टअप्स ने बैंक में से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया. स्टार्टअप का पैसा देने के लिए बैंक ने 21 बिलियन डॉलर के बॉन्ड्स बेच दिए. बॉन्ड को बेचने में करीब 1.75 बिलियन डॉलर यानी कि 15000 करोड़ रुपए का नुकसान बैंक को हुआ.
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इसके बाद बैंक ने करीब 20000 करोड़ रुपए का इश्यू जारी किया है और कैपिटल रेज करने का ऐलान किया. जिसके बाद बैंक को लेकर हड़बड़ी मची. लोगों को लगा कि बैंक के पास पैसा नहीं है. जिसकी वजह से अमेरिका में बैंक सिस्टम में हलचल मच गई. इसके अलावा सिग्नेचर बैंक भी दिवालिया हो गया.
ब्याज दरें बढ़ने से बैंकों पर पड़ा असर
अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने की वजह से बैंकों पर इसका असर देखने को मिला है. इस मामले के बाद अमेरिकी सरकार और केंद्रीय बैंक ने एक्शन लिया. अमेरिकी सरकार ने आश्वासन दिया कि डिपॉजिटर्स को पूरा पैसा मिलेगा. फेड ने डिपॉजिटर्स से कहा कि जितना पैसा निकालना है तो निकाल सकते हैं. इसके अलावा बैंकों के लिए एक नए बैंक टर्म फंडिंग प्रोग्राम का ऐलान किया गया है.