Market Wrap: ब्याज दरों में ब्रेक और FIIs की खरीदारी से बाजार में आई हरियाली, बीते हफ्ते ये रहे बड़े ट्रिगर्स
Share Markets This Week: ग्लोबल बाजारों से पॉजिटिव संकेत आने से घरेलू बाजार भी बढ़िया रफ्तार में रहे. हफ्ते की क्लोजिंग भी बेंचमार्क इंडेक्स BSE Sensex और NSE Nifty में अच्छी उछाल के साथ हुई.
Share Markets This Week: बीते हफ्ते ग्लोबल और इंडियन शेयर बाजारों के लिए कई अच्छी खबरें आईं. ग्लोबल बाजारों से पॉजिटिव संकेत आने से घरेलू बाजार भी बढ़िया रफ्तार में रहे. हफ्ते की क्लोजिंग भी बेंचमार्क इंडेक्स BSE Sensex और NSE Nifty में अच्छी उछाल के साथ हुई. Sensex जहां 466.95 अंक या 0.74% की तेजी के साथ 63,384.58 के लेवल पर बंद हुआ. वहीं, Nifty 137.90 अंकों या 0.74% की तेजी के साथ 18,826 के लेवल पर बंद हुआ था. अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक और घरेलू बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से खरीदारी के चलते पॉजिटिव सेंटीमेंट बना रहा.
देखें Market Wrap:
क्या रहे बड़े ट्रिगर्स?
यूएस फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट हाइक स्थिर रखने, यूएस में मंहंगाई दर गिरने और FIIs की खरीदारी से बाजार में ये हफ्ता पॉजिटिव रहा. फेडरल रिजर्व बैंक ने 15 महीनों के बाद पॉलिसी रेट को स्टेबल रखने का फैसला किया है, और यूएस मार्केट्स ने इस मूव पर उतना ही जोश दिखाया. DOW छह महीने के हाई पर पहुंचा है, वहीं NASDAQ और S&P में 1 पर्सेंट से ज्यादा की तेजी आई है. हालांकि, यूएस फेड बहुत कॉन्फिडेंट नहीं दिखा, आगे पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, इस साल दो और हाइक की संभावना, इस साल कटौती की उम्मीद नहीं. इसके अलावा एशियन मार्केट्स को भी बूस्ट मिला, जापान के सेंट्रल बैंक की ओर से. वहां भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिससे बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट बना हुआ है.
महंगाई दर गिरने से मिला बूस्ट
यूएस में महंगाई का डेटा भी काफी बढ़िया रहा है. मई का सीपीआई डेटा 4.9 पर्सेट से गिरकर 4 पर्सेंट पर आया है. यानी कि इंडिया के बाद यूएस में भी महंगाई दर गिरती हुई दिख रही है, ये अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी खबर है. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से भी सकारात्मक संकेत आ रहे हैं. सेक्टर रिवाइवल देख रहा है. महंगाई दर गिरने का असर दिख रहा है, जिससे बाजार में तेजी है.
डॉलर इंडेक्स पांचवें महीने के निचले स्तर पर
डॉलर इंडेक्स में भी गिरावट आई है. इंडेक्स 102 के आसपास चल रहा है, जो कि पिछले पांच हफ्तों का निचला स्तर है. ये भारतीय शेयर बाजारों के लिए अच्छी खबर है, इससे फॉरेन पोर्टफोलियोज़ का हमारे मार्केट में फ्लो बढ़ता है, यानी विदेशी पैसा आता है.
FIIs जमकर कर रहे खरीदारी
इंडियन मार्केट्स के लिए FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशक बड़ा फैक्टर बने हुए हैं. जून में अभी तक जो इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स हैं, वो काफी बुलिश दिख रहे हैं, चाहे वो फॉरेन इन्वेस्टर्स हों या डोमेस्टिक. गुरुवार को FIIs ने 3,000 करोड़ से ज्यादा के शेयर खरीदे, वहीं DIIs ने लगभग 3 करोड़ के शेयर बेचे.