Share Market: शेयर बायबैक नियमों के बदलाव (share buyback rules) होना तय है. इसके लिए जल्द ही डिस्कशन पेपर आने वाला है. हाल ही में सेबी की प्राइमरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी की इस मामले पर मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में डिस्कशन पेपर के मुद्दों को आखिरी रूप दिया गया. सेबी (SEBI) इस मामले में क्या-क्या बदलाव करेगा. डिस्कशन पेपर में क्या मुद्दे होंगे. यहां हम समझने की कोशिश करते हैं. 

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हुई है समीक्षा

सूत्रों के मुताबिक, शेयर बायबैक नियमों की समीक्षा हुई है. सेबी जल्दी ही बायबैक नियमों पर डिस्कशन पेपर लाएगा. सेबी की कमेटी साल में 1 से ज्यादा बायबैक की छूट के पक्ष में है. समीक्षा में प्राइमरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी में डिस्कशन पेपर पर चर्चा हुई है. इससे पहले इंडस्ट्री से भी नियमों को बदलने पर फीडबैक लिया गया था. 

IT कंपनियों ने की थी डिमांड

इस मामले में IT कंपनियों की ओर से बायबैक नियमों (share buyback rules) में ढील की डिमांड की है. सूत्रों के मुताबिक, बायबैक (share buyback) की सीमा को बढ़ाए जाने के लिए MCA को सिफारिश की गई है. खबर यह भी है कि ओपन मार्केट ऑफर की मियाद 6 माह से कम की जा सकती है.  

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मौजूदा नियम क्या हैं?  

शेयर बायबैक (share buyback rules) के वर्तमान नियम की बात करें तो इसें फ्री रिजर्व+ पेड अप कैप के 10% तक बोर्ड को अधिकार है, जबकि उससे ऊपर हो तो शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेना जरूरी है. फिलहाल ओपन मार्केट (Share Market) रूट में लिमिट 15 प्रतिशत है जबकि टेंडर ऑफर में 25 प्रतिशत है. टेंडर ऑफर में 10 कामकाजी दिन और ओपन मार्केट में 6 माह है. इसके अलावा बिल्डिंग प्रोसेस से होने पर कम से कम 15 और मैक्सिमम 30 दिन का प्रावधान है.