दुनियाभर के शेयर बाजारों में उठापटक के चलते गुरुवार को निवेशकों का रुख प्रभावित हुआ. घरेलू शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 750 अंक से ज्यादा गिरकर बंद हुआ और निफ्टी भी 10,300 अंक से नीचे चला गया. विदेशी कोष की लगातार निकासी ने भी निवेशकों को चिंता में डाल दिया. बंबई शेयर बाजार का 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में कारोबार की शुरुआत में 1,000 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. 

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34,000 अंक के स्तर से नीचे जाकर यह 33,723.53 अंक के स्तर को छू गया. बाद में थोड़ा संभलकर अपराह्न कारोबार में यह 34,325.09 अंक तक आ गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 759.74 अंक यानी 2.19 प्रतिशत गिरकर 34,001.15 अंक पर बंद हुआ. 11 अप्रैल के बाद यह सेंसेक्स का सबसे निचला बंद स्तर है. एक दिन पहले बुधवार को सेंसेक्स 461.42 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ था..

इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 225.45 अंक अथवा 2.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,234.65 अंक पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 10,138.60 अंक से 10,335.95 अंक के बीच बना रहा.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिकी शेयर बाजार में आयी तेज गिरावट के चलते दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली का दौर रहा. घरेलू शेयर बाजार की गिरावट इसी का हिस्सा है.’’ 

उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इस वजह से वहां मुद्रास्फीति बढ़ रही है. अमेरिका की सरकारी प्रतिभूति दुनिया भर में जोखिम रहित परिसंपत्ति मानी जाती है. अमेरिका के दस साल के बॉंड पर प्रतिफल 3.15% के आसपास रहा. इसके चलते निवेशकों ने भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी की निकासी करना शुरू किया है. डॉलर के मुकाबले उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा भी कमजोर हुई है. इससे भी निवेशकों के बीच सावधानी भरा रुख बना हुआ है. 

उल्लेखनीय है कि शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 74.50 के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया. बाद में दिन में कारोबार के समय इसमें थोड़ सुधार आया और यह 74 के स्तर पर पहुंच गया.

आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को शेयर बाजार से 1,096 करोड़ रुपये की निकासी की. जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,893 करोड़ रुपये का निवेश किया.