शेयर बाजार के लिए दिसंबर का पहला हफ्ता कैसा रहेगा, इस बारे में जानकारों का कहना है कि बाजार की चाल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति के निर्णय और घरेलू व वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े मिलकर तय करेंगे. इसके साथ ही, निवेशकों की नजर वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी. 

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आरबीआई की बैठक कल

वहीं, ऑटो कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर होगी, क्योंकि वाहन कंपनियां 1 दिसंबर से अपनी नवंबर में हुई बिक्री के आंकड़े जारी करना शुरू कर देंगे. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3 से 5 दिसंबर तक होगी. यह वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पांचवी द्विमासिक बैठक होगी. एमपीसी के निर्णय की जानकारी 5 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे जारी की जाएगी. 

जीडीपी के आंकड़े भी डालेंगे असर

आर्थिक मोर्चे पर, सरकार ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़ों को जारी किया, जो शेयर बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए. इसका असर सोमवार को बाजार खुलने पर होगा. 

जीडीपी गिरकर 7.1 फीसदी

देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में जुलाई-सितंबर की अवधि में गिरावट दर्ज की गई है, जोकि 7.1 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी. इस गिरावट का मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में आई गिरावट और ग्रामीण मांग में कमी आना है. इसके साथ ही विनिर्माण और खनन गतिविधियों में गिरावट का भी जीडीपी आंकड़ों पर असर पड़ा है. 

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि साल-दर-साल आधार जीडीपी दर में तेजी रही. वित्तवर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी.

एजेंसी इनपुट के साथ