Share market outlook: बीते सप्ताह निफ्टी 0.74 फीसदी की गिरावट के साथ 17185 के स्तर पर और बैंक निफ्टी 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 39305 के स्तर पर बंद हुआ. जियो पॉलिटिकल टेंशन, मंदी की आहट और फेडरल रिजर्व के अग्रेसिव रुख से बाजार पर दबाव है. इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी आर्थिक सुधार को भी झटका देगा. IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि इस सप्ताह निफ्टी के लिए 16800 और फिर 16550 के स्तर पर सपोर्ट है. तेजी की स्थिति में 17350 और फिर 17700 के स्तर पर अवरोध है. बैंक निफ्टी के लिए 38500 और फिर 37700 पर सपोर्ट है. तेजी की स्थिति में 39800 और फिर 40500 के स्तर पर अवरोध बना है.

सपोर्ट पर खरीदारी की सलाह

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एक्सपर्ट ने कहा कि सपोर्ट लेवल पर खरीदारी की सलाह होगी. सितंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे अच्छे आने की उम्मीद है जिससे बाजार को बल मिलेगा. अगर निफ्टी 17350 के ऊपर कायम रहता है तो यह 17700 की तरफ मूव करेगा. अगर बैंक निफ्टी 39800 के ऊपर कायम रहता है तो यह 40500 की तरफ रुख करेगा. टेक्निकल आधार पर ट्रेंड पॉजिटिव दिख रहा है.

रुपए में इस सप्ताह तेजी संभव

रुपए की बात करें तो बीते सप्ताह डॉलर के मुकाबले यह रिकॉर्ड 82.69 के स्तर तक फिसला था. सप्ताह के आखिरी दिन रुपया 82.21  के स्तर पर बंद हुआ. टेक्निकल आधार पर डॉलर में हद से ज्यादा खरीदारी हो चुकी है. ऐसे में प्रॉफिट बुकिंग के कारण गिरावट संभव है. डॉलर इंडेक्स इस सप्ताह 113.31 के स्तर पर बंद हुआ. रुपए के लिए 82 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट है. उसके बाद यह 81.70  की तरफ बढ़ेगा. गिरावट की स्थिति में 82.70 और फिर 83.20 का स्तर अहम है. इस सप्ताह रुपया मजबूत होकर 82 के नीचे 81.70 तक आ सकता है.

ग्लोबल फैक्टर्स का बाजार पर दिखेगा असर

कोटक सिक्यॉरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि सितंबर महीने में भारत में महंगाई दर बढ़कर 7.41 फीसदी पर पहुंच गई. अगस्त में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई. विदेशी निवेशक अब तक 7500 करोड़ की बिकवाली कर चुके हैं. हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने खरीदारी की है. तिमाही नतीजों और ग्लोबल फैक्टर्स का बाजार पर असर दिखाई देगा. अमेरिकी में महंगाई दर 8.2 फीसदी रही. कोर इंफ्लेशन रेट बढ़कर 1982 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. इन तमाम फैक्टर्स का बाजार पर असर होगा.