Share Market Outlook: बहुत जल्द 61 हजारी हो सकता है सेंसेक्स, महंगाई से राहत के बीच है कमाई का शानदार मौका
Foreign investors: लगातार चौथे सप्ताह शेयर बाजार में तेजी रही और सेंसेक्स चार महीने के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. बाजार के जानकारों का मानना है कि यह तेजी अभी जारी रहेगी और सेंसेक्स 61000 का स्तर छू सकता है.
Share Market Outlook: लगातार चौथे सप्ताह शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई. ग्लोबल मार्केट में सुधार का डोमेस्टिक मार्केट पर भी असर दिखाई दिए. इस सप्ताह सेंसेक्स (Sensex today) में 1000 अंकों से अधिक का उछाल (1.85 फीसदी) दर्ज किया गया और यह 59462 के स्तर पर बंद हुआ. यह चार महीने का उच्चतम स्तर है. निफ्टी भी चार महीने के उच्चतम स्तर पर 17698 के स्तर पर बंद हुआ. बाजार में जारी तेजी के लिए कई फैक्टर महत्वपूर्ण हैं. IIFL सिक्यॉरिटीज के अनुज गुप्ता का मानना है कि अगले सप्ताह भी बाजार में तेजी रहेगी.
अनुज गुप्ता ने कहा कि बाजार में अच्छी रिकवरी देखने को मिल रही है. हमारा अनुमान है कि अगले सप्ताह भी यह तेजी बनी रहेगी और सेंसेक्स बहुत जल्द 60 हजार का स्तर पार करेगा. अगर ग्लोबल मार्केट से सपोर्ट मिलता है तो यह 61 हजार का स्तर भी पार करेगा. इन कंडिशन में निफ्टी 18000 से लेकर 185000 का स्तर पार करेगा.
जुलाई में महंगाई पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंची
हाल ही में जुलाई महीने के लिए भारत का इंफ्लेशन डेटा सामने आया है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर घटकर पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई और यह 6.71 फीसदी रही. जून में यह 7.01 फीसदी रही थी. वहीं, जून में फैक्ट्री आउटपुट यानी IIP में 12.3 फीसदी का सुधार दर्ज किया गया. यह लगातार दूसरा महीना है जब औद्योगिक उत्पादन में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है.
महंगाई में कमी और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में आया सुधार
महंगाई में कमी और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में तेजी आर्थिक सुधार के संकेत हैं. क्रूड ऑयल और एडिबल ऑयल के भाव में भी भारी कमी आई है जिससे ये नंबर्स देखने को मिल रहे हैं. कच्चे तेल के भाव में 25 फीसदी का सुधार आ चुका है, जबकि क्रूड पाम ऑयल के भाव में 50 फीसदी का करेक्शन आ चुका है. क्रूड ऑयल इंटरनेशनल मार्केट में इस सप्ताह 98.15 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ है. इन तमाम फैक्टर्स का शेयर बाजार पर असर दिखाई देगा.
विदेशी निवेशकों की वापसी हुई है
वर्तमान में बाजार में तेजी के लिए चार महत्वपूर्ण फैक्टर हैं. अमेरिका में महंगाई दर की रफ्तार में कमी आई है. विदेशी निवेशकों ने फिर से खरीदारी शुरू कर दी है. नौ महीने बाद फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की वापसी हुई है. अगस्त के महीने में अब तक उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में 22453 करोड़ की खरीदारी की है. जुलाई में शेयर बाजार में करीब 5000 करोड़ का निवेश किया था.
फेडरल रिजर्व पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का दबाव घटा है
महंगाई की रफ्तार घटने से डॉलर पर दबाव बढ़ा है. बाजार का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अब उतना अग्रेसिव होकर इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी नहीं करेगा. यही कारण है कि डॉलर इंडेक्स 105.55 के स्तर पर बंद हुआ. यह दुनिया की छह करेंस के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है. इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है.