Share Market: भारतीय शेयर बाजार  इस साल अगस्त या सितंबर में अपने निचले स्तर तक जा सकता है. उसके बाद इसमें सुधार आने की उम्मीद है. ऐसे में 50 शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इस साल के आखिर तक छह प्रतिशत की और गिरावट के साथ 14,500 अंक तक जा सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक,अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है. उसने कहा कि कंपनियों के पास सस्ते माल भंडार का जो पॉजिटिव असर था,वह अब खत्म हो गया है. इसके चलते कंपनियों की कमाई में कटौती की गई है.इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत में तेजी और निफ्टी के कुछ शेयरों का कमजोर मूल्यांकन जैसे कुछ कारण हैं, जो बाजार (Share Market 2022) को नीचे लाएगा.

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निफ्टी में पिछले कुछ सप्ताह के दौरान गिरावट आई है

खबर के मुताबिक, ब्रोकरेज कंपनी ने इससे पहले निफ्टी के इस साल के आखिर तक 19,100 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर जाने का अनुमान जताया था. हालांकि, बाद में बिकवाली को देखते हुए कंपनी ने अपने अनुमान को घटाकर 17,000 अंक कर दिया था. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर नीतिगत दरों में वृद्धि और जिंसों की उच्च कीमतों के चलते निफ्टी (Nifty) में पिछले कुछ सप्ताह के दौरान गिरावट आई है.बुधवार को यह 1.44 प्रतिशत गिरकर 15,413.30 अंक पर बंद हुआ.

कच्चे तेल की कीमतों का उछाल का भी जोखिम

ब्रोकरेज कंपनी के विश्लेषकों ने कहा कि हाल के सुधार के बावजूद हम बाजारों को लेकर सतर्क हैं. वैश्विक स्तर पर सख्त मौद्रिक नीतियों और अमेरिका में मंदी की आशंका समेत धीमी आर्थिक वृद्धि के अलावा हम दूसरे जोखिमों को भी देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे जोखिमों में कंपनियों की इनकम में चार प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका शामिल है.कच्चे तेल की कीमतों (crude oil price) का उछाल का भी जोखिम है,जिसका भाव 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है.

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कैसा रहेगा रुपये का हाल

इस बीच,ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि वर्ष 2022 के आखिर तक अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये की विनिमय दर (value of rupee) 81 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकती है. हालांकि, विश्लेषकों ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास लगभग 600 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो इन जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.