विदेशी निवेशकों (FI) ने दिसंबर में अब तक भारतीय पूंजी बाजार (Capital Market) में करीब 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. रुपये में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में कमी इसकी वजह रही. इससे पहले नवंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने शुद्ध रूप से पूंजी बाजार (शेयर और ऋण) में 12,266 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह 10 माह का उच्चतम स्तर है. 

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डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 3 से 21 दिसंबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 1,332 करोड़ रुपये डाले और ऋण बाजार में 2,552 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस प्रकार पूंजी बाजार में कुल 3,884 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. 

बाजार सूत्रों ने कहा कि निवेश की वजह मुख्यत: कच्चे तेल के दाम में लगातार गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती रही. कच्चा तेल गिरकर 15 महीने के निम्नतम स्तर पर आ गया है. 

हालांकि, 7 दिसंबर तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 383 करोड़ रुपये की निकासी की थी जबकि इस दौरान ऋण बाजार में 2,744 करोड़ रुपये का निवेश किया था. 

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "छह दिसंबर को भारी बिकवाली का दौर दिखा, जब विदेशी निवेशक 361 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे. चीन की कंपनी हुवावेई की मुख्य वित्त अधिकारी की गिरफ्तारी के कारण दुनिया भर के बाजारों में गिरावट रही." 

उन्होंने कहा, "निवेशकों को डर है कि अधिकारी की गिरफ्तारी से चीन और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर से कड़वाहट आ सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो सकता है. इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार से 84,200 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी है. जिसमें शेयर बाजार से करीब 34,000 करोड़ और ऋण बाजार से 50,200 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है.