लॉकडाउन (Lockdown) के चलते इस समय स्टॉक मार्केट (Stock Market) में उथल-पुथल मची हुई है. हालांकि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. इन्हीं कोशिशों के चलते मार्केट (Share Market) भी अपनी रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है. निवेशकों को भले इस यह समय मार्केट में निवेश करने के लिए सही नहीं लगता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद लोगों के पास बाजार से पैसा कमाने के कई मौके आने वाले हैं, क्योंकि कई दिग्गज कंपनियों के आईपीओ स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए कतार में हैं.

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लॉकडाउन से पहले एसबीआई कार्ड का आईपीओ लॉन्च हुआ था, लेकिन आईपीओ (IPO) की लॉन्चिंग के समय ही मार्केट पर कोरोना वायरस के खतरे का असर दिखाई देने लगा था. हालांकि इसके बाद भी इस आईपीओ ने निवेशकों को निराश नहीं किया था. 

अब जब देश से कोरोना (Covid-19 Pandemic) का खतरा भी धीरे-धीरे कम होने लगा है, तो निवेशक भी स्टॉक मार्केट की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. मार्केट एक्सपर्ट भी आने वाले समय में लिस्ट होने वाले आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की बात कह रहे हैं.

NCDEX का IPO

कृषि जिंसों में कारोबार करने वाले नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की अनुमति मिल गयी है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एनसीडीईएक्स को 500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की मंजूरी दी है.

एनसीडीईएक्स (NCDEX) के आवेदन दस्तावेजों के मुताबिक इस आईपीओ में कंपनी कुल 100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी. इसके अलावा 1.44 करोड़ वर्तमान शेयरों को बिक्री पेशकश के जरिए शेयर बाजारों के मंच पर बेचा जाएगा.

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इस आईपीओ में एनसीडीईएक्स के वर्तमान शेयरधारक बिल्ड इंडिया कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी, केनरा बैंक, इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कोओपरेटिव, इंवेस्टकॉर्प और प्राइवेट इक्विटी फंड-1 अपने शेयर बिक्री पेशकश के लिए रखेंगे.

LIC का IPO

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC का IPO भी आने वाला है. हालात सामान्य होने पर इस आईपीओ के लिए प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी.  फिच (Fitch) रेटिंग्स ने कहा कि LIC के IPO से पूरे बीमा उद्योग को फायदा होगा. फिच ने कहा कि इसका फायदा संभवत: पूरे बीमा उद्योग को मिलेगा.

एलआईसी में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है. फिच ने कहा कि सार्वजनिक रूप से एलआईसी को अधिक कड़े खुलासा नियमों को पूरा करना होगा. इससे कंपनी के भीतर ही अनुपालन और जवाबदेही का मजबूत ट्रेंड बनेगा.