Share Market All Time High: आज शेयर बाजार में नई तेजी आई और यह नए लाइफ टाइम हाई पर है. सेंसेक्स 62724 के स्तर पर पहुंचा, जबकि निफ्टी ने 18631 का नया रिकॉर्ड बनाया है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का मानना है कि इंडियन स्टॉक मार्केट का स्वरूप बदल चुका है. कोरोना काल में रीटेल निवेशकों की आई बाढ़ अब बहुत बड़ी ताकत बन चुकी है. अनिल सिंघवी ने इन रीटेल निवेशकों को तीसरी महाशक्ति का नाम दिया है. वे लंबे समय से रीटेल इन्वेस्टर्स की ताकत को लेकर अपनी बात रख रहे हैं.

आने वाला कल भारत का है

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14 जून 2022 को उन्होंने कहा था कि रीटेल निवेशकों पर मुझे मजबूत भरोसा है और मेरा मानना है कि वे हर हाल में पैसा बनाकर जाएंगे. उन्होंने डंके की चोट पर कहा था कि आने वाले 15-20-25 सालों में भारत के निवेशक दुनियाभर के बाजारों में पैसा लगाएंगे. भारत के निवेशक उन बाजारों के लिए फॉरन इन्वेस्टर्स कहलाएंगे. आज जिस तरह FIIs के एक्शन का अपने बाजार पर रिएक्शन दिखता है. उसी तरह आने वाले समय में भारतीय निवेशकों के एक्शन का रिएक्शन विदेशी बाजारों में दिखेगा.

जून में ही कहा था कि निफ्टी 18600 के पार पहुचेगा

अनिल सिंघवी ने 15 जून 2022 को ही इस बात की संभावना जताई थी कि निफ्टी 18600 का स्तर पार करेगा. साढ़े पांच महीने बाद निफ्टी 18600 का स्तर पार किया. 1 जुलाई को उन्होंने कहा कि था कि FIIs की बिकवाली को अब रीटेल इन्वेस्टर्स ने थाम लिया है. वे बिकवाली करते हैं तो भारतीय निवेशक अपना पैसा बाजार में लगाते हैं और बाजार की गिरावट को कम करते हैं. जून में FPI ने 50203 करोड़ की भयंकर बिकवाली की थी.

FIIs की बिकवाली से अब हम बेपरवाह

उन्होंने कहा था कि वक्त बदल चुका है. अब ऐसा नहीं है कि अमेरिका में कुछ होगा तो उसके कारण भारतीय बाजार धड़ाम हो जाएगा. फेडरल रिजर्व जिस तरह अग्रेसिव होकर इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहा है, उसका असर भारतीय बाजार पर लिमिटेड है. FIIs की भयंकर बिकवाली पर भी बाजार अब धूल नहीं चाटता है.

रीटेल इन्वेस्टर्स अब लंबी अवधि के लिए निवेश करने लगे हैं

11 अक्टूबर 2022 को अनिल सिंघवी ने कहा था कि रीटेल निवेशकों का पार्टिसिपेशन बढ़ने के कारण भारतीय बाजार का स्वरूप इसलिए बदल रहा है, क्योंकि रीटेल निवेशकों के अप्रोच में बदलाव आया है. उनके लिए शेयर बाजार जुआ खेलने की तरह नहीं रह गया है जहां शॉर्ट टर्म में कमाई का लक्ष्य होता है. रीटेल निवेशक भी बाजार के भविष्य का मूल्यांकन करने लगे हैं. वे इक्विटी मार्केट को अब असेट क्लास की तौर पर देखने लगे हैं. वे अब ट्रेडिंग की जगह निवेश पर फोकस कर रहे हैं. निवेश करने का तरीका बदल गया है. रीटेल इन्वेस्टर्स अब धीरे-धीरे बाजार में पैसा निवेश कर रहे हैं.

 

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