सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले SGX निफ्टी के कारोबार को भारत लाने की तैयारी शुरू हो गई है. जल्द ही एसजीएक्स निफ्टी में होने वाले सौदे का निपटारा भारत में हो सकेगा. भारत के तीन बड़े स्टॉक एक्सचेंज पहले ही एसजीएक्स को डाटा देने से इनकार कर चुके हैं. एनएसई के एमडी और सीईओ विक्रम लिमये के मुताबिक, फरवरी में डाटा शेयरिंग को लेकर हुए फैसले के बाद एसजीएक्स निफ्टी को भारत में लाने की तैयारी है. सिंगापुर के स्टॉक एक्सचेंज SGX और NSE IFSC के बीच करार हुआ है, जिसके तहत NSE और SGX अहमदाबाद की GIFT सिटी में SPV बनाएंगे.

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कैसे होगा सौदे का निपटारा

निफ्टी के सभी प्रोडक्ट्स की GIFT सिटी के इंटरनेशनल एक्सचेंज में ट्रेडिंग होगी. अगर खरीदार और बेचने वाले दोनों सिंगापुर के होंगे तो वहां सौदे का निपटारा होगा. अगर खरीदार और बेचने वाला भारत के हैं तो सेटलमेंट भारत में होगा. अगर एक भारत में है और एक सिंगापुर में तो दोनों की क्लीयरिंग कॉरपोरेशन मिलकर सेटलमेंट करेंगे. लागत ऐसी होगी कि सिंगापुर में ट्रेड करने वालों को भी कोई दिक्कत नहीं होगी. 

KYC के लिए लेनी होगी मंजूरी

वित्त मंत्रालय से KYC के जुड़े मुद्दों को लेकर मंजूरी लेनी पड़ेगी. SEBI और सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी से मंजूरी मिल चुकी है. सेटलमेंट को लेकर कोई चिंता नहीं है, सभी पक्षों से बात करने के बाद ही स्ट्रक्चर बनाया गया है. सिंगापुर एसजीएक्स निफ्टी का वॉल्यूम करीब 1.8 बिलियन डॉलर है. ये पूरा वॉल्यूम देश में शिफ्ट होने की उम्मीद है. एक बार SPV बन जाने पर मौजूदा आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. 

डाटा शेयरिंग हुई खत्म

इससे पहले सिंगापुर और दुबई में निफ्टी और सेंसेक्स के डेरिवेटिव कॉन्टैक्ट्स में होने वाला कारोबार बंद करने का फैसला लिया गया था. पिछले साल लिए गए इस फैसले के बाद से देश के तीन स्टॉक एक्सचेंजों बीएसई, एनएसई और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ने किसी भी विदेशी स्टॉक एक्सचेंज को बाजार से जुड़े आंकड़े नहीं देने का फैसला लिया था. सेबी और इन एक्सचेंजों को लगता है कि कारोबार घरेलू स्टॉक एक्सचेंजों से विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों के पास जा रहा है.