देश के शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया. मुनाफावसूली तथा इस साल मानसून सामान्य से कमजोर रहने के अनुमान सामने आने के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से बीएसई सेंसेक्स करीब 180 अंक गिरकर बंद हुआ. शेयर बाजारों में अच्छी शुरूआत हुई लेकिन मौसम के बारे में पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के 2019 में मानसून सामान्य से कमजोर रहने का अनुमान सामने आने के बाद के कारोबार में इसमें गिरावट आने लगी. मानसून कमजोर रहने से वृद्धि में नरमी की आशंका बढ़ी है.

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तेल एवं गैस, दूरसंचार तथा पूंजीगत सामान क्षेत्र की अगुवाई में बीएसई के सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे. तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 179.53 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की गिरावट के बाद 38,877.12 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान सेंसेक्स में करीब 450 अंक का उतार-चढ़ाव आया. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सका और 69.25 अंक यानी 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,643.95 अंक पर बंद हुआ.

सेंकटम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि मानक सूचकांकों में शुरूआती तेजी बरकरार नहीं रह पायी और ये स्काईमेट के मानसून सामान्य से कमजोर रहने के अनुमान के बाद गिरावट के साथ बंद हुए. उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की बृहस्पतिवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से पहले यह गिरावट आयी. रिजर्व बैंक की ओर से आर्थिक वृद्धि को गति देने के इरादे से नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद की जा रही है. हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि मानसून के कमजोर रहने तथा पहले से धीमी आर्थिक वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए आरबीआई नीतिगत दर में ऊंची कटौती कर सकता है.’’ 

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक दो अप्रैल को शुरू हुई और चार अप्रैल तक चलेगी. चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के परिणाम की घोषणा कल की जायेगी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद बाजार में गिरावट आयी. इसका कारण स्काईमेट का मानसून सामान्य से कमजोर रहने का अनुमान तथा तेल कीमतों में तेजी रही. इससे धारणा पर असर पड़ा. आम चुनावों को देखते हुए निवेशक अधिक सतर्क हो सकते हैं.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘वहीं वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख का कारण चीनी अर्थव्यवस्था में तेजी तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की संभावना है.’’ सेंसेक्स के शेयरों में एसबीआई सर्वाधिक नुकसान में रहा. इसमें 2.40 प्रतिशत की गिरावट आयी. इसके अलावा यस बैंक, भारती एयरटेल, एल एंड टी, सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, ओएनजीसी, आरआईएल, एशियन पेंट्स, वेदांमता तथा एचयूएल में 2.37 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी. वहीं दूसरी तरफ मारुति, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, हीरो मोटो कार्प तथा टीसीएस 2.78 प्रतिशत तक लाभ में रहे.

इस बीच, अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल रहे. उन्होंने मंगलवार को 543.36 करोड़ रुपये की पूंजी डाली. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 437.70 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर वैश्विक बाजारों में तेजी रही और वे छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गये. एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंग सेंग 1.22 प्रतिशत, कोरिया का कोस्पी 1.20 प्रतिशत, जापान का निक्की 0.97 प्रतिशत तथा शंघाई कंपोजिट सूवकांक 1.24 प्रतिशत मजबूत हुए.

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में फ्रैंकफर्ट का डीएएक्स 1.33 प्रतिशत तथा पेरिस सीएसी40-0.74 प्रतिशत मजबूत हुए जबकि लंदन का एफटीएसई 0.04 प्रतिशत नीचे आया. इस बीच, आपूर्ति संबंधी चिंता के कारण मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का भाव 0.53 प्रतिशत बढ़कर 69.74 डालर बैरल पर पहुंच गया.