देश में चल रही मंदी के सबसे ज्यादा शिकार क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने सूचीबद्ध कंपनियों, खासतौर से जिनकी सहायक कंपनियां हाउसिंग फाइनेंस फर्म (HFC) और गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) क्षेत्र की है, को शेयरों के बायबैक नियमों में ढील देने की घोषणा की है. 

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सेबी के बोर्ड ने अपनी बैठक में बाजार नियामक के बायबैक नियमों के साथ कंपनीज एक्स तहत शासित सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के पुनर्खरीद के संबंध में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी.

सेबी द्वारा अपने नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना का अनुसरण करते हुए दिया है, जिसमें एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र की सरकारी कंपनियों को बायबैक करने की अनुमति दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप वे 6:1 डेट-टू-इक्विटी अनुपात में शेयर बायबैक कर सकते हैं. 

कंपनियों को जिन मुख्य शर्तो का पालन करने की जरूरत है उनमें बायबैक ऑफर कंपनी की कुल भुगतान योग्य पूंजी और एग्रीगेट पेड अप कैपिटल का 25 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए, और अगर इनका आकार 10 फीसदी से अधिक होता है, तो कंपनी को पहले विशेष प्रस्ताव के माध्यम से शेयरधारकों के मंजूरी की जरूरत होगी.